CAA को ‘मनसे’ का समर्थन नहीं, आर्थिक मंदी से ध्यान हटाने के लिए अमित शहा की चाल, राज ठाकरे ने कड़े शब्दों में किया विरोध

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पुणे : एन पी न्यूज 24 – महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार को पुणे में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुए कहा कि भारत धर्मशाला नहीं है। पहले यहां रहनेवालों को सुविधा नहीं मिल रही हैं ऐसे में अन्य देशों के नागरिकों की जरूरत नहीं है। देश में आए हुए पाकिस्तानी, बांग्लादेशी लोगों को बाहर निकाला जाना ही चाहिए। आर्थिक मंदी से ध्यान हटाने के लिए अमित शहा ने जो चाल चली है उसके लिए उनका अभिनंदन करता हूं।

पुणे में मनसे द्वारा कार्यकर्ताओं का शिविर आयोजित किया गया था जिसके लिए ठाकरे पुणे में आए हुए थे। उसके बाद पत्रकार परिषद में उन्होंने विविध विषयों पर अपने मत व्यक्त किए। ठाकरे ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को कई पहलूएं हैं जो समझने चाहिए। कानून का विरोध करने के लिए देश में जो अस्थिरता आई हुई है उसकी कोई वजह ही नहीं है। जो मुस्लीम समाज के नागरिक पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं उन्हें चिंचित होने की जरूरत ही नहीं है। 135 करोड़ जनसंख्या होनेवाले भारत में अन्य देश के नागरिकों की जरूरत ही नहीं है। यहां जो रह रहे हैं उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही है। भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि हर देश के नागरिकों को समाकर ले। यह विषय हिंदू, मुस्लिम ऐसा नहीं है। बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगाणिस्तान से जो भी आए हैं उन्हें बाहर निकालना ही होगा। कुछ चीजों पर सरकार को नियंत्रण लाना होगा। अन्यथा देश हाथ से चला जाएगा।

अमित शहा का अभिनंदन

ठाकरे ने कहा कि देश आर्थिक मंदी से झूज रहा है। उस पर से देशवासियों का ध्यान हटाने के लिए इस कानून की चाल चली गई। अमित शहा का मैं अभिनंदन करता हूं कि वह अपनी चाल में कामयाब हो गए। इस कानून में काफी जटीलता है। इस प्रकार के कानून कर हंगामा करने की जरूरत नहीं है। भाजपा को इसको लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए और अन्य पार्टियां भी इसे राजनीति ना बनाएं। सरकार पहले शासकीय यंत्रणा को मजबूत बनाएं।

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