नागपुर: एन पी न्यूज 24 – नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने राज्य की तत्कालीन फडणवीस सरकार को एक साल अर्थात् साल 2017-18 में लगभग 65 हजार करोड़ रुपये की गड़बडी करने का दोषी ठहराया है. CAG के मुताबिक 31 मार्च 2018 को 65 हजार 921 करोड़ रुपये की उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं किया गया था. इससे प्रतीत होता है कि विभाग का अनुदान की कई राशि के खर्च या इसकी उपयोगिता पर उचित नियंत्रण नहीं था. कैग ने बताया है कि प्रमाण पत्र में लापरवाही बरतने से धन का दुरुपयोग या धोखाधड़ी का जोखिम प्रतीत होता है. .
कल विधानसभा में, गृह मंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य की वित्तीय प्रणाली पर CAG की एक ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में सरकार की नुकसान झेल चुकी विभिन नई सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला गया है. तत्कालीन फडणवीस सरकार (साल 2017-18) ने अपने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 65 हजार 921 करोड़ रुपये के उपयोग का कोई प्रमाण पत्र पेश नहीं किया था. CAG की रिपोर्ट में बताया गया है कि 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक के काम का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देना, धन की दुरुपयोगिता बताता है.
क्या है उपयोगिता प्रमाण पत्र ?
जिस विभाग द्वारा काम करवाया गया हो, वह कार्य ठीक से पूरा हुआ हुआ है या नहीं? इससे संबंधित विभाग द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, उसे उपयोगिता प्रमाण पत्र कहा जाता है.
किसी एक काम के पूरा हो जाने के बाद उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र 12 महीने के अंदर प्रस्तुत किया जाना चाहिए.
लेकिन CAG की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्तीय वर्ष 2017-18 में 65 हजार 921 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र पेश नहीं किया. सीएजी ने कहा कि देरी या तो धन का दुरुपयोग है या गडबडी की संभवना है.
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