खुलासा! 56 साल पहले ही इस महिला वैज्ञानिक ने की थी कोरोना वायरस की खोज, अब मचा रहा तबाही

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24- – कोरोना वायरस ने आज पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। देश-विदेशों में हर दिन इससे हजारों लोगों की मौत हो रही है। अभी तक किसी भी डॉक्टर या वैज्ञानिकों द्वारा इस महामारी की दवा नहीं बन पायी है। पूरी दुनिया आज कोरोना के आगे नतमस्तक है। इस बीच एक बड़ी बात बता दे। दरअसल कोरोना वायरस की खोज आज नहीं बल्कि 56 साल पहले ही हो चुकी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1964 की यानी आज से 56 साल पहले की। एक महिला वैज्ञानिक अपने इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोस्कोप में देख रही थी।

तभी उन्हें एक वायरस दिखा जो आकार में गोल था और उसके चारों तरफ कांटे निकले हुए थे। जैसे सूर्य का कोरोना।  इसके बाद इस वायरस का नाम रखा गया कोरोना वायरस। इसे खोजने वाली महिला का नाम है डॉ. जून अल्मीडा। बता दें कि डॉ. अल्मीडा एक बार किसी प्रजाति के वायरस पर काम कर रही थी। फिर इसी दौरान एक दिन अल्मीडा ने कोरोना वायरस को खोजा। सूर्य के कोरोना की तरह कंटीला और गोल। उस दिन इस वायरस का नाम रखा गया कोरोना वायरस। ये बात थी साल 1964 की। उस समय कहा गया था कि ये वायरस इनफ्लूएंजा की तरह दिखता तो है, पर ये वो नहीं, बल्कि उससे कुछ अलग है।

1985 तक डॉ. जून अल्मीडा बेहद सक्रिय रहीं। जिसके बाद अल्मीडा का निधन 2007 में 77 साल की उम्र में हो गया। लेकिन, उससे पहले वो सेंट थॉमस में बतौर सलाहकार वैज्ञानिक काम करती रहीं। उन्होंने ही एड्स जैसी भयावह बीमारी करने वाले एचाआईवी वायरस की पहली हाई-क्वालिटी इमेज बनाने में मदद की थी। अब उनकी मृत्यु के 13 साल बाद दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस संक्रमण को समझने में उनकी रिसर्च की मदद मिल रही है।

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