नई दिल्ली – एन पी न्यूज 24 –
संसद के दोनों सदनों में दिल्ली हिंसा पर हंगामा जारी है. हंगामे की वजह से बजट सत्र के दूसरे हिस्से में कोई भी कामकाज नहीं हो पाया है. जबकि दोनों ही सदनों से विभिन्न मंत्रालयों की अनुपूरक मागों को पारित कराया जाना है. इसको देखते हुए सरकार ने बजट सत्र में सभी मंत्रालयों की अनुदान मांगों को पारित करने के लिए ‘गिलोटिन’ का सहारा लेने का फैसला किया है. यह फैसला इसलिए किया गाया है कि 3 अप्रैल से पहले सरकार को पारित कराना है बजट।
जानें..क्या होता है गिलोटिन
बजट सत्र में मंत्रालयों की अनुदान मांगों को बिना चर्चा पारित कराने की प्रक्रिया को ‘गिलोटिन’ कहा जाता है. एक सामान्य प्रक्रिया में मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा होती है, इसके बाद सदन इसको संशोधन या इसके बिना पारित कर देता है, लेकिन भारत में कई मंत्रालय हैं, सभी के लिए चर्चा होना संभव नहीं है, इसलिए ऐसे में जिन मांगों पर चर्चा नहीं हो पाती है, उस पर मतदान कराकर पारित कर दिया जाता है, जिसे ‘गिलोटिन’ कहा जाता है.
जानकारी के मुताबिक, सरकार को तीन अप्रैल से पहले बजट पारित कराना है, लिहाजा 16 मार्च को लोकसभा में गिलोटिन होगा. अगर 16 मार्च को लोकसभा में ‘गिलोटिन’ आया तो राज्यसभा में विधेयक पारित कराने के लिए 14 दिन और मिल जाएंगे. सरकार का दावा है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. यूपीए-2 के समय भी हंगामे के बीच 18 विधेयक पारित कराए गए थे।