अब नए गृहमंत्री ने भी जताया पुणे पुलिस की भूमिका पर संदेह

यलगार परिषद के मामले में पुलिस की संदिग्ध भूमिका की होगी जांच

0
पुणे : एन पी न्यूज 24 – जिसमें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख को सौंपी गई। गृहमंत्री का पदभार संभालने के बाद सोमवार को देशमुख पहली बार पुणे में पधारे थे। यहाँ उन्होंने सँवाददाताओं से की गई दो टूक बातचीत में यलगार परिषद के मामले में पुणे पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया। साथ ही पुलिस की संदिग्ध भूमिका की जांच के संकेत भी दिए।
पुणे एयरपोर्ट पर उन्होंने पुणे और पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्तों के साथ बैठक की। इस दौरान मीडिया से की गई बातचीत में उन्होंने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने यह भी कहा कि, गृहमंत्री की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई है, पहले विभाग का पूरा अध्ययन किया जाएगा। क्राइम रेट कम करना, पुलिस का मनोबल बढ़ाने को मेरी प्राथमिकता रहेगी। गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी कोई संभालने के लिए तैयार न था, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, गृह विभाग चैलेंजिंग है और उस चैलेंज को मैंने स्वीकार किया है।
नए गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने पहले ही बयान में यलगार परिषद के मामले में पुणे पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया है। इससे पहले उनके पार्टी के हाईकमान शरद पवार भी इस मामले में पुणे पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया ने एल्गार परिषद मामले में कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को ‘गलत’ और ‘प्रतिशोधपूर्ण’ बताते हुए पुणे पुलिस की कार्रवाई की एसआईटी से जांच कराने की मांग की है। पवार ने कहा था कि, ‘राजद्रोह के आरोप में कार्यकर्ताओं को जेल भेजना गलत है। लोकतंत्र में अपनी असहमति का सख्ती से विरोध दर्ज कराने की इजाजत है।
शरद पवार ने इसे पुलिस के कुछ अधिकारियों द्वारा शक्ति का दुरुपयोग बताकर कहा कि उन्होंने लोगों की मूल स्वतंत्रता पर हमला किया है और कोई भी इन सबका मूकदर्शक नहीं हो सकता है। हम मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि पुलिसिया कार्रवाई की जांच के लिए किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया जाए। पुणे पुलिस के मुताबिक 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एल्गार परिषद बैठक की गई, जिसे माओवादियों का समर्थन हासिल था और कार्यक्रम में दिए गए भड़काऊ भाषणों के चलते अगले दिन जिले के कोरेगांव-भीमा में हिंसा हुई थी। पुलिस ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए वामपंथी विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं का माओवादियों के साथ संपर्क था। उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुणे पुलिस ने इस मामले के संबंध में सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र, महेश राउत, शोमा सेन, अरुण फरेरा, वर्नोन गोन्जाल्विस, सुधा भारद्वाज और वरवर राव को गिरफ्तार किया था।
visit : npnews24.com
Leave A Reply

Your email address will not be published.