नई दिल्ली: एन पी न्यूज 24 –वोडाफोन-आइडिया के ग्राहकों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि उनकी कंपनी बंद हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी भारत में कभी भी कारोबार बंद कर सकती है, क्योंकि वोडाफोन-आइडिया को एजीआर के लिए लभगग 53,000 करोड़ रुपये चुकाना है। कंपनी इस पैसे को चुकाने में असमर्थता जता चुकी है। फिलहाल इसकी मार उपभोक्ताओं पर भी पड़ सकती है। अगले महीने से सामान्य कॉल और डाटा के लिए ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ सका है। बुधवार को भी कंपनी को सुप्रीम कोर्ट से कंपनी को कोई राहत नहीं मिली है जानकारों का कहना है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इशारा दिया है कि टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाया चुकाने के लिए कोई रियायत नहीं मिलने वाली। सरकार ने कंपनियों से 20 साल तक पैसा वसूलने का एक प्लान तैयार किया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी नाराजगी जताई है। इस बात का भी डर सता रहा है कि अगर टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने कंपनी के खिलाफ बैंक गारंटी भुनाने जैसा कोई कदम उठा लिया तो कंपनी को बोरिया-बिस्तर बांधकर टेलिकॉम इंडस्ट्री से बाहर जाना तय ही है।
..तो बढ़ सकती है मोबाइल टैरिफ की कीमत
वोडाफोन-आइडिया तो दिन प्रतिदिन घाटा उठा ही रही है, एयरटेल भी फायदे में नहीं है। जब से रिलायंस जियो ने टेलिकॉम बाजार में एंट्री मारी है, तब से गला काट प्रतिस्पर्धा की वजह से हर कंपनी ने अपने टैरिफ की कीमतें घटाई हैं। इस तरह कंपनियां अपने काफी सारे ग्राहकों को तो खुद से जोड़े रखने में कामयाब हो गईं, लेकिन इसी के साथ वह घाटे में जाती रहीं। अगर एजीआर बकाया नहीं चुका पाने की वजह से वोडाफोन-आइडिया को अपना कारोबार करना बंद पड़ा तो एयरटेल और रिलायंस जियो का संचालन खर्च अचानक बढ़ जाएगा। एनालिस्ट्स का मानना है कि 30 करोड़ यूजर बेस वाली आइडिया-वोडाफोन दिवालिया हुई तो जियो और एयरटेल की लागत में 15-20 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। मौजूदा हालात में बाजार में तीन बड़ी कंपनियां हैं, आइडिया-वोडाफोन, एयरटेल और रिलायंस जियो। ऐसे में अगर आइडिया-वोडाफोन बंद होती है तो इसका सीधा फायदा होगा जियो और एयरटेल को, क्योंकि इसके ग्राहक इन्हीं दो कंपनियों की ओर भागेंगे।
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