नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24- योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से हिंसा फैलाने वालों के फोटो और नाम-पते वाले होर्डिंग लगाए जाने के मामले में गुरुवार को व्यवस्था देते हुए कहा कि वो हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक नही लगाएंगे और अगले हफ्ते तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते सीएए प्रदर्शन के दौरान कथित हिंसा के आरोपियों का पोस्टर हटाने का आदेश दिया था। यूपी प्रशासन ने लखनऊ के अलग-अलग चौराहों पर वसूली के लिए 57 कथित प्रदर्शनकारियों के करीब सौ होर्डिंग दीवारों पर लगाए हैं।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका को बड़ी पीठ सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने लखनऊ में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाए जाने के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि मामले पर विस्तार से विचार करने की जरूरत है। अगली सुनवाई अगले सप्ताह होगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये और उन्हें सजा मिलनी चाहिये। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में सड़कों पर सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान तोड़फोड़ करने के आरोपियों के पोस्टर लगाए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नौ मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार को उन पोस्टरों को हटाने का आदेश दिया था, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
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