बंगलुरु.एन पी न्यूज 24 –कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 13 विधायकों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपने से राज्य में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली महज साल भर पुरानी सरकार खतरे में पड़ गई है. यदि इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन (जिसके 118 विधायक हैं) 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा. वहीं, भाजपा के 105 विधायक हैं. कांग्रेस और जद (एस) के विधायकों के समूह के अपना इस्तीफा सौंपने के लिए विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के कार्यालय पहुंचने और बाद में राजभवन में राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करने के बाद गठबंधन सरकार की स्थिरता का संकट गहरा गया है. दरअसल, हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में राज्य में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद से गठबंधन सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे.
कांग्रेस ने भारतीय राजनीति में ‘संकटमोचक’ की संज्ञा पा चुके डीके शिवकुमार को कर्नाटक इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है. पद संभालते ही डीके शिवकुमार ने विधायकों से मुलाकात की और उन्हें मनाने की कोशिश की. नई दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कर्नाटक के ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर बैठक की और विचार-विमर्श किया. बैठक के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘कर्नाटक की कांग्रेस-जद(एस) सरकार शुरू से ही भाजपा को हजम नहीं हो रही है. वह विधायकों की मंडी लगाकर सरकार गिराने का षडयंत्र कर रही है. बतां दें कि डोड्डालाहल्ली केम्पेगौड़ा शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस में वोकालिग्गा समुदाय से आने वाले बड़े नेता हैं. पिछली सिद्धारमैया सरकार में वह ऊर्जा मंत्री थे.महाराष्ट्र में सरकार बचाने में शिवकुमार का योगदान उन्हें गांधी परिवार की नजरों में ले आया. इसके बाद से वो कर्नाटक में कांग्रेस के ट्रबलशूटर बन गए. 2009 में इन्हें कर्नाटक कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था. डीके शिवकुमार कर्नाटक के सबसे अमीर उम्मीदवारों में से थे. 2013 में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उन्होंने अपनी 250 करोड़ की संपत्ति बताई थी, जो अब बढ़कर 600 करोड़ हो गई है.