हरियाणा : एन पी न्यूज 24 – कई बार ऐसी घटना सामने आती है जिस पर आपको बिलकुल भी यकीन नहीं होता। लेकिन सच तो आखिर सच होता है. उस पर आप यकीन करे या नहीं करे. हरियाणा से भी एक ऐसी ही कहानी सामने आई है जिस पर यकीन कर पाना मुश्किल है. लेकिन जो कहानी सामने आई है वह 100% सही है. यहाँ अंबाला कैंट की पुरानी सब्जी मंडी में एक व्यक्ति पिछले 2 साल से भीख मांगता दिखाई देता था. उसे मोबाइल नंबर याद आने पर पता चला कि उसका रियल नाम धनंजय ठाकुर है. वह आजमगढ़ का रहने वाला है और दो बहनो का एकलौता भाई है. पिता कोलकाता की एक कंपनी में एचआर है. धनंजय की बहन नेहा लखनऊ से उसे ले जाने तो यह सच्चाई सामने आई.
यह पूरा वाकया गुरुवार का है. धनंजय के पैर में चोट लग गई थी. उसके पैर से खून बहता देखकर गीता गोपोल संस्था के सदस्य साहिल ने पट्टी बंधी। उसे पूछा कि वह कहा का रहने वाला है. धनंजय को कुछ देर में एक मोबाइल नंबर याद आया. कॉल किसी शिशुपाल ने उठाया और पता वह 2 साल पहले गायब हुए धनंजय के चाचा है.
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शुक्रवार को धनंजय की बहन नेहा उसे ले जाने के लिए लखनऊ पहुंची। बहन को देखते ही धनंजय उसे पहचान लिया। बहन ने बस इतना कहा कि जब नंबर याद आया तो दो साल पहले फ़ोन क्यों नहीं किया? मिली जानकारी के अनुसार धनंजय ने ग्रेजुएशन किया है. बहन नेता ने बताया की नशे की लत की वजह से उसकी दिमागी हालत बिगड़ गई और एक दिन वह घर छोड़ कर निकल गया. परिवार ने उसे खोजने की बहुत कोशिश की लेकिन पता नहीं चला. घर वालों की उम्मीद टूट चुकी थी. लेकिन गुरुवार के दिन उसके परिवार के लिए चमत्कार बनकर आया और परिवार का बिछड़ा हुआ सदस्य मिल गया.
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