पहले किया टेंडर जारी ; फिर नीति तय करने की जरूरत सूझी

मलबा निपटारे की नीति तय करने के प्रस्ताव पर छिड़ा घमासान

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पिंपरी : एन पी न्यूज 24 –केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन मौसम बदलाव मंत्रालय की सूचना के अनुसार निजी डेवलपर्स के लिए निर्माण कार्य सामग्री व मलबा निपटारा की नीति तय की जा रही है। पिंपरी चिंचवड़ मनपा प्रशासन ने इसका प्रस्ताव सर्वसाधारण सभा के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया। मगर इस काम का टेंडर पहले ही जारी कर दिया गया है उसके बाद नीति तय करने का प्रस्ताव सभागृह के समक्ष पेश किये जाने का खुलासा खुद सत्तादल भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक बाबू नायर ने किया। इससे सभागृह में खासा हंगामा मचा। सर्वदलीय नगरसेवकों ने प्रशासन के इस रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई। नतीजन मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर पर दो दो बार स्पष्टीकरण देने की नौबत आई। इसमें उन्होंने प्रशासन की गलती स्वीकार की और दोषी अधिकारियों को समझाइश देने का भरोसा दिलाया।

महापौर राहुल जाधव की अध्यक्षता में हुई इस सभा के समक्ष उपरोक्त प्रस्ताव पेश किया गया। इसके तुरंत बाद भाजपा नगरसेवक बाबू नायर ने टेंडर जारी करने के बाद नीति तय करने का प्रस्ताव पेश किये जाने का रहस्योद्घाटन किया। उपमहापौर सचिन चिंचवडे के साथ सत्तादल के नगरसेवक इस मुद्दे पर आक्रामक हो उठे। खुद सभागृह नेता एकनाथ पवार ने भी प्रस्ताव लाने से पहले सर्वदलीय गुटनेताओं के साथ चर्चा करना जरूरी बताया। मनपा के ओवर स्मार्ट अधिकारियों पर मनपा आयुक्त को नियंत्रण रखना चाहिए, यह बताकर उन्होंने महापौर से यह प्रस्ताव स्थगित रखने की मांग की। इस पर शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने तंज कसते हुए कहा कि, देर से सही सभागृह नेता को मनपा में विपक्षी नेता और दूसरे दलों के नेता भी हैं, यह पता तो चला। प्रस्ताव खारिज करने की मांग कर उसे स्थगित रखकर ‘मांडवली’ न करने की टिप्पणी भी की। प्रस्ताव स्थगित रखने के बाद पदाधिकारियों को ‘राजी’ कर लेने बाद उसे मंजूरी दी जाती है, इस ओर भी उन्होंने सभागृह का ध्यानाकर्षित किया। मनपा आयुक्त ने स्वीकार किया कि टेंडर जारी करने से पहले नीति तय कर लेनी चाहिए थी।

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