राजयोगिनी दादी जानकी का महाप्रयाण, पीछे छोड़ गईं सिर्फ यादें

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जोधपुर. एन पी न्यूज 24 – ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी का शुक्रवार तड़के 2 बजे देवलोकगमन हो गया। वे 104 वर्ष की थी। उन्होंने माउंट आबू के ग्लोबल हास्पिटल में अंतिम सांस ली।  वे संस्थान की 46 हजार बहनों की वे अभिभावक थीं। दुनियाभर में फैले 8 हजार सेवा केंद्रों की वे मुख्य संचालिका थीं। दादी जानकी स्वच्छता के संदर्भ में हमेशा से एक्टिव रहीं। देश और विदेश में इसके लिए अभियान चलाती रही हैं।

ट्वीटर पर जानकारी : संस्थान की ओर से दादी जानकी देवी के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर बताया गया, प्रिय मित्रों, प्यार भरे विचारों के साथ, हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हमारी प्रिय दादी जानकी, ब्रह्म कुमारी की आध्यात्मिक प्रमुख, का 27 मार्च को प्रात: 2 बजे निधन हो गया है।

स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एम्बेसडर थीं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एम्बेसडर बनाया था।1916 में जन्मी दादी जानकी रोज सुबह 4 बजे उठकर ज्ञान, ध्यान, राजयोग और लोगों से मिलना जुलना शुरू करती थीं। वे दस घंटे सेवाकार्य करती थीं। वे आजीवन दुनियाभर में यात्रा कर महिलाओं, बच्चों के विकास और सुरक्षा के साथ आध्यात्मिक सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत रहीं।
46 हजार युवा बहनों की अभिभावक : दादी जानकी ने नारी शक्ति को आगे बढ़ाते हुए 46 हजार बहनों को तैयार किया, जो लोगों में आध्यात्मिकता के जरिए ज्ञान, राजयोग और साधना से मूल्यनिष्ठता को स्थापित करने में जुटी हैं। दुनिया की एकमात्र संस्था है जिसके सभी केंद्रों की प्रमुख महिलाएं होती हैं।

100 देशों तक ईश्वरीय पैगाम पहुंचाया : दादी जानकी महज 21 साल की उम्र में इस संस्थान के संपर्क में आईं। चौथी तक पढ़ी दादी जानकी ने ईश्वरीय सेवाओं के लिए पश्चिमी देशों को चुना। 1970 में पहली बार लंदन गईं और 35 वर्षों तक वहीं रहकर सौ से ज्यादा देशों में ईश्वरीय संदेश को पहुंचाया। हजारों-लाखों लोगों को जीवन जीने की कला सिखाई।

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