नई दिल्ली.एन पी न्यूज 24 – अपने देश में दिल की बीमारी लोगों को अपने चपेट में लेती जा रही है। देश की पूरी आबादी में से लगभग 4.5 करोड़ लोग इस दिल की बीमारी से ग्रसित हैं। अब अगर बात करें ब्रेन स्ट्रोक की, तो इसके मरीजों में इजाफा देखा जा रहा है। एक अध्ययन के मुताबिक साल 2030 तक लगभग 4 प्रतिशत लोग ब्रेन स्ट्रोक की गिरफ्त में हो सकते हैं। इसका निदान आवश्यक है, तो सबसे पहले हम बात करें डाइट की, अर्थात हम क्या खाते हैं और क्या खाना पसंद करते हैं। खाना ही मुख्य आधार है, क्योंकि इसी से हमारे शरीर के एक-एक अवयव को पोषण मिलता है।
खुशखबर यह है कि शाकाहारी भोजन करने से इस बीमारी को कुछ हद तक काबू में किया जा सकता है। ताइवान में 13 हजार से अधिक लोगों पर किए गए शोध में ये नतीजे सामने आए हैं। औसतन 50 वर्ष उम्र के आस-पास वाले शाकाहारी और मासांहारी लोगों को अलग-अलग श्रेणी में बांटकर यह नतीजा निकाला गया। हैरतअंगेज रूप से शाकाहारियों में नॉन-वेजेटेरियन की तुलना में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 48 प्रतिशत तक कम था, जो लोग सिर्फ मछली खाते थे उनमें दिल की बीमारी का खतरा 13 प्रतिशत तक था। शाकाहारी भोजन यकीनन आपकी सभी पोषक जरूरतों को पूरा करते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप विभिन्न प्रकार के भोजनों का सेवन करें ताकि आपको जिन पोषक तत्वों की बुनियादी तौर पर जरूरत है, उन्हें कवर किया जा सके। आज पूरी दुनिया में जितने लोग भी नॉन वेजिटेरियन हैं वे खुद को वेजिटेरियन डाइट की ओर प्रोत्साहित कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आपको जितना पोषण वेजिटेरियन डाइट में मिलेगा उतना पशु-पक्षी को खा कर नहीं मिलेगा।
स्ट्रोक में क्या होता है?
स्टोक तब होता है जब मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति या तो कम या बाधित होती है। जब यह स्थिति होती है, तो मस्तिष्क कोशिकाओं को पर्याप्त ऑक्सीजन या पोषक तत्व नहीं मिलते हैं, जो मस्तिष्क में टिश्यू को खत्म होने का कारण बनते हैं।
मुख्य रूप से तीन प्रकार के स्ट्रोक होते हैं:
-इस्केमिक स्ट्रोक
-रक्तस्रावी स्ट्रोक और
-टीआईए (क्षणिक इस्किमिक अटैक)
इस्केमिक स्ट्रोक
यह स्ट्रोक का सबसे आम रूप है, जो दुनिया भर में 85% से अधिक स्ट्रोक के लिए अकाउंट होता है। धमनियों में ब्लॉक अक्सर ब्लड क्लॉट के कारण होता है। ये क्लॉट या तो मुख्य धमनियों के अंदर बनते हैं जो मस्तिष्क से जुड़ते हैं, या मस्तिष्क के भीतर की संकुचन धमनियों में भी बनता है।
हेमोरेजिक स्ट्रोक (रक्तस्रावी स्ट्रोक) : इस तरह का स्ट्रोक मुख्य रूप से मस्तिष्क के अंदर खून बहने वाली धमनी को तोड़ने या फटने के कारण होता है। धमनियों से लीक रक्त मस्तिष्क के अंदर दबाव डालता है और सेरेब्रल ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है। रक्तस्रावी स्ट्रोक के दौरान रक्त वाहिकाओं मस्तिष्क के बीच या मस्तिष्क कोशिकाओं की सतह के पास फट सकता है, मस्तिष्क और सिर के बीच सेलुलर स्पेस में रक्त लीक कर सकता है। रक्तस्रावी स्ट्रोक ट्रामा, हाई ब्लडप्रेशर, वेसल्स वाल (एन्यूरीसिम) में कमजोर होने या हेपरिन जैसे ब्लड पतले करने वाली दवाओं की वजह से हो सकता है। इंट्रेसेब्रल हेमरेज रक्तस्रावी स्ट्रोक का सबसे प्रचलित प्रकार है।
टीआईए (क्षणिक इस्किमिक अटैक)
टीएआई स्ट्रोक के अन्य दो रूपों से थोड़ा अलग हैं। इस मामले में मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बहुत ही कम समय के लिए बाधित होता है, क्योंकि यह इस्किमिक स्ट्रोक में होता है। टीएआई अक्सर धमनियों में छोटे रक्त के थक्के के कारण होते हैं।