दूध की सप्लाई करने वाले अधिकतर कंपनियां इसका बड़ा फायदा होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि दूध उत्पादक कंपनियां पिछले तीन वर्षो में दो बार दूध के दाम बढ़ा चुकी है. इसलिए दूध उत्पादक किसानो की कमाई 2018 के मुकाबले 20 से 25% बढ़ गई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दवारा पेश किये गए बजट में दूध उधोग के लिए बहुत सारे अच्छे प्रावधान किये गए. उन्होंने बताया कि फिलहाल देश में 53. 5 मैट्रिक टन दूध पर प्रक्रिया की जाती है. 2025 तक यह आंकड़ा 108 मिलियन मैट्रिक टन पर ले जाने का उद्देश्य सरकार का है, इसके लिए 40 से 50 हज़ार का निवेश जरुरी है.