कोरोना वायरस को अलग करने में एनआईवी की सफलता

अब वैक्सीन बनाने की राह हुई आसान

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पुणे एन पी न्यूज 24  – कोरोना वायरस प्रकोप के बीच देश भर के अलग-अलग स्वास्थ्य और वैज्ञानिक संस्थानों में इस वायरस पर रिसर्च जारी है. विभिन्न राज्यों से कई तरह की नई खोज की गई है. इस बीच पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी (एनआईवी) के रिसर्चर्स कोविड-19 यानी कोरोना वायरस को अलग करने में सफलता हासिल कर चुके हैं. इसके बाद इससे जुड़ी जरूरी जानकारियां इकट्ठा करने का काम शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि जल्द ही इसके रिजल्ट्स देश के सामने होंगे.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महामारी और संचारी रोग विभाग के मुखिया रमन आर गंगाखेड़ेकर ने पहले ही जानकारी दी थी कि एनआईवी ने इस वायरस को अलग करने में सफलता हासिल कर ली है. किसी भी वायरस पर रिसर्च करने के लिए इसको अलग करना जरूरी होता है. वायरस को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने को दो प्रमुख तरीक हैं. इसमें से एक है जीन के क्रम को समझना. इसके बाद ही एंटीबॉडी को विकसित करने में कामयाबी हासिल हो सकती है. दूसरा तरीक स्ट्रेन देने का है. स्ट्रेन देने के बाद वैक्सीन विकसित हो सकती है जो आसान विकल्प माना जाता है.
एनआईवी के रिसर्चर्स और अन्य जानकारियां इकट्ठा करने में लगे हैं. वे कोरोना की दवा बनाने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर काम करेंगे. इससे पहले ऐसा कभी नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि वैक्सीन डेवलप करने के लिए आईसीएमआर की प्राथमिकता है आजमाये जा चुके एटम्स हैं ना कि नये एटम्स. नये एटम्स पर ज्यादा समय लगेगा जबकि इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है. लैब किये रहे रिसर्च्स से खुश वैज्ञानिकों ने इस बीमारी का इलाज खोजने के लिए प्रशासन से बड़ी संख्या में टेस्टिंग की मांग की है. बता दें देश में कोरोना वायरस की पहली तस्वीर एनआईवी के साइंटिस्ट्स ने ट्रासमिशन इलेक्ट्रॉन से 30 जनवरी को ली गई थी. इसका सैंपल चीन स्थित वुहान से लौटे केरल के निवासी के गले से लिया गया था.
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