नई दिल्ली – एन पी न्यूज 24 – कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में करीब 3 लाख के आसपास लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। इंसानों को मौत के घाट उतराने वाले कोरोना वायरस के तरीकों को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। इसमें बताया गया है कि ये वायरस कैसे लोगों की जान ले रहा है। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस प्रतिरक्षा प्रणाली पर सीधा हमला करता है जिसका कार्य संक्रमण से लड़ने के लिए है।
वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस के चलते होने वाले रोग, उनके लक्षण और उपचार के बारे में बताया है। एक अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने चरण-दर-चरण समझाया कि वायरस कैसे श्वास मार्ग को संक्रमित करता है, कोशिकाओं के भीतर कई गुणा बढ़ जाता है और गंभीर मामलों में प्रतिरोधी क्षमता को अतिसक्रिय कर देता है जिसे वैज्ञानिक भाषा में ‘साइटोकाइन स्टॉर्म’ कहा जाता है। ‘साइटोकाइन स्टॉर्म’ श्वेत रक्त कोशिकाओं की अतिसक्रियता की स्थिति है। इस स्थिति में बड़ी मात्रा में साइटोकाइन रक्त में पैदा होते हैं। इस अध्ययन के लेखक एवं चीन की ‘जुन्यी मेडिकल यूनीर्विसटी’ में प्रोफेसर दाइशुन लियू ने कहा, ‘सार्स और मर्स जैसे संक्रमण के बाद भी ऐसा ही होता है।
लियू ने कहा, ‘बेहद तेजी से विकसित साइटोकाइन अत्यधिक मात्रा में लिम्फोसाइट और न्यूट्रोफिल जैसी प्रतिरक्षा कोशिकाओं को आर्किषत करते हैं, जिसके कारण ये कोशिकाएं फेफड़ों के ऊतकों में प्रवेश कर जाती है और इनसे फेफड़ों को नुकसान हो सकता है।’ अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि ‘साइटोकाइन स्टॉर्म’ से तेज बुखार और शरीर में खून जमना जैसी स्थिति पैदा हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि श्वेत रक्त कोशिकाएं स्वस्थ ऊतकों पर भी हमला करने लगती हैं और फेफड़ों, हृदय, यकृत, आंतों, गुर्दा और जननांग पर प्रतिकूल असर डालती हैं जिनसे वे काम करना बंद कर देते हैं। उन्होंने कहा कि कई अंगों के काम करना बंद कर देने के कारण फेफड़े काम करना बंद कर सकते हैं। इस स्थिति को ‘एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम’ कहते हैं।