कोरोना के खिलाफ भारत ने जीता और एक कदम, बनाई ‘फेलूदा’ स्ट्रिप किट, मिनटों में करेगी कोरोना टेस्ट

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल भारतीय वैज्ञानिकों ने एक पेपर बेस्ड टेस्ट स्ट्रिप तैयार किया है। जो कोरोना का पता लगा सकती है। इस टेस्ट किट का नाम ‘फेलूदा’ रखा गया है। जानकारी के मुताबिक, फेलूदा का नाम बांग्ला फिल्मकार सत्यजीत रे की फिल्मों से लिया गया है। दरअसल फेलूदा उनकी फिल्मों का एक किरदार रहा है जो बंगाल में रहने वाला प्राइवेट जासूसी किरदार है, जो छानबीन कर हर समस्या का रहस्य खोज ही लेता है।

बनाई ‘फेलूदा’ स्ट्रिप किट –
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस टेस्ट में कागज की पतली स्ट्रिप में उभरी लाइन से पता चल जाता है कि कोई शख्स कोरोना पॉजिटिव है या नहीं। इससे बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। यह पेपर स्ट्रिप-आधारित परीक्षण किट आईजीआईबी के वैज्ञानिक डॉ सौविक मैती और डॉ देबज्योति चक्रवर्ती की अगुवाई वाली एक टीम ने विकसित की है।

एक घंटे से भी कम समय में लगा लेगा पता –
यह किट एक घंटे से भी कम समय में नए कोरोना वायरस (एसएआरएस-सीओवी-2) के वायरल आरएनए का पता लगा सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आमतौर पर प्रचलित परीक्षण विधियों के मुकाबले यह एक पेपर-स्ट्रिप किट काफी सस्ती है और इसके विकसित होने के बाद बड़े पैमाने पर कोरोना के परीक्षण चुनौती से निपटने में मदद मिल सकती है।

आईजीआईबी के वैज्ञानिक डॉ देबज्योति चक्रवर्ती ने कहा –
आईजीआईबी के वैज्ञानिक डॉ देबज्योति चक्रवर्ती ने बताया कि संक्रमण के शिकार संदिग्ध व्यक्तियों में कोरोना वायरस के जीनोमिक अनुक्रम की पहचान करने के लिए इस पेपर-किट में जीन-संपादन की अत्याधुनिक तकनीक क्रिस्पर-कैस-9 का उपयोग किया गया है। बता दें कि अभी इस परीक्षण किट की वैद्यता का परीक्षण किया जा रहा है, जिसके पूरा होने के बाद इसका उपयोग नए कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए किया जा सकेगा।

500 रुपए में बनती है ये किट
इस किट के आने से वायरस के परीक्षण के लिए वर्तमान में इस्तेमाल की जाने वाली महंगी रियल टाइम पीसीआर मशीनों की जरूरत नहीं पड़ेगी। नई किट के उपयोग से परीक्षण की लागत करीब 500 रुपये आती है। आईजीआईबी के वैज्ञानिकों ने बताया कि वे इस टूल पर लगभग दो साल से काम कर रहे हैं। वैज्ञानिक पिछले करीब दो महीनों से दिन-रात जुटे हुए थे। नियामक निकायों से इसके उपयोग की अनुमति जल्दी ही मिल सकती है, जिसके बाद इस किट का उपयोग परीक्षण के लिए किया जा सकता है।

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