यूरोप की तर्ज पर चलाया जायेगा ट्रांसपोर्ट सिस्टम, महंगा किराया, लेकिन कोरोना से होगा सुरक्षित सफर


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नई दिल्ली :  एन पी न्यूज 24- कोरोना का कहर पूरी दुनिया में बरप रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश में अब तक 60 हज़ार से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके है। 2 हज़ार से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान भी गंवा चुके है। सबसे बड़ी बात की अबतक यह पता नहीं चल पाया है की दुनिया से कोरोना किस तरह ख़त्म होगा। कोरोना महामारी की व्यापकता के कारण देश की कई व्यवस्था बदल गई है, अब देश का ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी बदल रहा है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और कई दूसरे क्षेत्रों के विशेषज्ञ कह चुके हैं कि अब हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी। इस बीच केंद्र और राज्य सरकारों ने मौजूदा ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदलने की तैयारी शुरु कर दी है। जिस नए सिस्टम की बात हो रही है, वह काफी हद तक यूरोप की तर्ज पर रहेगा। बसों में आधी सीटें खत्म होंगी तो वहीं ट्रेन और मेट्रो के फेरे सात गुना तक बढ़ जाएंगे। मेट्रो कोच या ट्रेन की एक बोगी में सोशल डिस्टेंसिंग के चलते यात्रियों की संख्या आधी होगी। टिकट लेने का सिस्टम बदलेगा तो वहीं साइकिल को सबसे ज्यादा तवज्जो मिलेगी। नया सिस्टम यात्रियों की जेब पर भारी पड़ेगा।

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अब जो सिस्टम बनेगा, वह यूरोप की तर्ज पर होगा। परिवहन में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जाएगा। बसों और ट्रकों उसी हिसाब से बनायी जाएंगी। हर वाहन में हैंड वॉश, सैनिटाइजर, फेस मास्क और दस्ताने की विशेष व्यवस्था होगी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में नई व्यवस्था के तहत 52 सीट वाली बस में अब 25 यात्री बैठ सकेंगे। ऐसी स्थिति में यात्रियों को दोगुना किराया देना पड़ेगा। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष कुलतरण सिंह अटवाल और झारखंड बस मालिक एसोसिएशन के सचिव किशोर मंत्री भी कह चुके हैं कि इस बाबत बस मालिकों के साथ चर्चा हो रही है। हम चाहते हैं कि सभी राज्यों में कोरोना से बचाव वाला एक समान ट्रांसपोर्ट सिस्टम लागू हो।

कोरोना के बाद बदल जायेगा ये सब –
– बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन की टिकट खिड़की बंद करने पर विचार
– ऐसे स्थलों पर थर्मल इमेजिंग कैमरें लगाए जाएंगे
– मेट्रो कार्ड की तर्ज पर सभी ट्रांसपोर्ट के लिए एक ही व्यवस्था रहेगी
– बस, ट्रेन व आटो में भीड़ नहीं होने दी जाएगी
– कंडक्टर टिकट देने की बजाए यात्रियों की सोशल डिस्टेंसिंग पर अधिक ध्यान रखेंगे
– गाड़ियों में ड्रॉप बॉक्स होगा, इसमें टिकट का पैसा डालना होगा
– टिकट का दाम ऐसा रहेगा, जिसमें खुले पैसे का चक्कर खत्म हो जाएगा
– इसके लिए बार कोड आदि की व्यवस्था की जा रही है
– बस ट्रेन में बैठने के लिए निशानदेही रहेगी
– पेसेंजर ट्रेन के फेरे मेट्रो की तर्ज पर बढ़ेंगे
– मेट्रो की फ्रीक्वेंसी छह गुना तक बढ़ानी पड़ेगी
– ट्रेनों के फेरे भी 14 गुना बढ़ाए जाएंगे
– बसों के ड्राइवर ट्रांसपेरेंट शीशे वाले केबिन में रहेंगे
– स्टाफ के लिए मास्क व दस्ताने पहनना अनिवार्य
– ट्रेन व बस में स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेंगे
– ई पेमेंट और डिजिटल टिकट व्यवस्था लागू होगी
– बसों की संख्या तीन गुना तक बढ़ानी पड़ेगी
– स्टेशन या बस स्टॉप पर साइकिल लेन बनेंगी
– इसके लिए सड़कों पर अलग अलग रंग वाली लेन तैयार होंगी


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