नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। हर दिन हजारों लोगों की मौत हो रही है। भारत की बात करें तो यहां कोरोना मरीजों की संख्या 34,934 के पार पहुंच गयी है। जबकि मरने वालों की संख्या 1,157 हो गयी है। भारत में भी कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। जिससे देखते हुए देश में हॉटस्पॉट और रेड जोन, ऑरेंज और ग्रीन जोन बाट दिए है। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा सचिव प्रीति सूदन ने शुक्रवार को सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। जिसमें एक महत्वपूर्ण सूचना दी गई है।
6 महानगरों को रखा गया है रेड जोन में –
इसमें इन राज्यों के अंतर्गत आने वाले उन जिलों के बारे में बताया गया है, जिनका वर्गीकरण रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के तहत हुआ है। केंद्र द्वारा जारी नए आदेश के तहत सभी 6 महानगरों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद को रेड जोन में रखा गया है। देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से सरकार ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। हर जिले और राज्य की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ये एडवाइजरी जारी की गई है।
जानें कितने जिले हैं रेड जोन में –
केंद्रीय गृह सचिव प्रीति सूदन ने सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि वे चिन्हित किए गए रेड और ऑरेंज जोन जिलों में कंटेनमेंट जोन और बफर जोन का परिसीमन कर उन्हें सूचित करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी जिले को तब ग्रीन जोन माना जाएगा, जब वहां पिछले 21 दिनों में कोरोना का कोई भी नया मामला सामने नहीं आएगा। सूची में तीन मई के बाद 130 जिलों को रेड जोन, 284 को ऑरेंज और 319 जिलों को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है।
For dists having 1 or more municipal corporations, corporations&other areas of dists may be treated as separate units. If 1 or more of these have reported no cases for last 21 days,they can be considered 1 level lower in zonal classiflcation, if dist is in Red/Orange Zone:P Sudan pic.twitter.com/5tTkJcRWcH
— ANI (@ANI) May 1, 2020
सूदन ने ये भी कहा है कि एक या अधिक नगर निगमों वाले, निगमों और जिले के अन्य क्षेत्रों को अलग-अलग इकाइयों के रूप में माना जा सकता है। यदि वे रेड या ऑरेंज जोन में आते हैं, यहां इनमें से एक या अधिक में पिछले 21 दिनों में कोई नया मामला दर्ज नहीं जाता तो उन्हें आंचलिक वर्गीकरण में एक स्तर कम माना जा सकता है।
A district will be considered under Green Zone, if there are no confirmed cases so far or there is no reported case since last 21 days in the district: Union Health Secretary Preeti Sudan pic.twitter.com/s5J5jB5YeQ
— ANI (@ANI) May 1, 2020
कंटेनमेंट जोन और बफर जोन –
उन्होंने कहा कि बफर जोन में स्वास्थ्य सुविधाओं में आईएलआई/ एसएआरआई मामलों की निगरानी के माध्यम से मामलों की व्यापक निगरानी की जानी चाहिए। साथ ही राज्यों से अनुरोध किया है कि वे चिन्हित रेड और ऑरेंज जोन जिलों में कंटेनमेंट जोन और बफर जोन का परिसीमन करके उन्हें सूचित करें।
Union Health Secry Preeti Sudan writes to Chief Secys of all states/UTs, designating dists across all states/UTs as Red, Orange & Green Zones.
Since recovery rates have gone up, distritcs are now being designated across various zones duly broad-basing the criteria: Preeti Sudan pic.twitter.com/WjVZPJXl5q
— ANI (@ANI) May 1, 2020