नागपुर. एन पी न्यूज 24 – नागपुर में राष्ट्रीय पर्यावरण इंजिनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) के एक अध्ययन में सामने आया है कि बढ़ते तापमान और चुनिंदा शहरों में घटते वायरस के बीच 85 फीसदी पारस्परिक संबंध है। अभी हाल ही में अमेरिका की नेशनल बॉयोडिफेंस एनालिसिस काउंटरमेजर्स सेंटर (एनबीएसीसी) के वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के नमूनों पर छह स्थितियों में अध्ययन किया और अलग-अलग तापमान और नमी के साथ, धूप और बिना धूप की स्थिति में वायरस की लाइफ को परखा। अध्ययन में देखा गया कि सूरज की रोशनी में वायरस के कण जल्दी खत्म हो रहे हैं, लेकिन तापमान ज्यादा भी हो, लेकिन धूप नहीं हो तो वायरस ज्यादा देर तक रहता है।
अब नागपुर के नीरी अनुसंधान ने कहा कि जब इन दो राज्यों में तापमान और सापेक्ष आर्द्रता के सकल मूल्यों को देखा गया तो 25 डिग्री सेल्सियस और इसके बाद के औसत दिन के तापमान में वृद्धि कोविड-19 मामलों में कमी का कारण बना। इस अध्ययन में बताया गया है कि भारत में गर्म जलवायु कोविड-19 को फैलाने से रोकने में फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग ने तापमान और आर्द्रता जैसे पर्यावरणीय कारकों के फायदों को कम कर दिया है। बता दें कि कोविड-19 एक तेजी से फैलने वाला संक्रामक रोग है और भारत जनसंख्या वाला देश है। इसलिए, जब तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जाता है, उच्च तापमान जैसे पहलुओं का लाभ दिखाई नहीं दे सकता है।