सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’…’मन की बात’ में मोदी ने कोरोना से चेताया, कहा- इस लड़ाई में अति-आत्मविश्वास नहीं पालें

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नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में कहा कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई देश की जनता लड़ रही है। स्थिति अच्छी है, लेकिन हमें अति-आत्मविश्वास नहीं पालना चाहिए, क्योंकि कोरोना से सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।

भ्रम न पालें : मन की बात के 64वें संस्करण में मोदी ने कहा कि सभी दो गज की दूरी बनाए रखें और घर से बाहर न निकलें। ऐसा विचार न पाल लें कि हमारे शहर में, हमारे गांव में, हमारी गली में, हमारे दफ्तर में अभी तक कोरोना नहीं पहुंचा है इसलिए अब पहुंचने वाला नहीं है।

मास्क को जीवन का अंग बनाएं : मास्क हमारे जीवन का हिस्सा बन रहा है। आप देखिएगा, मास्क अब सभ्य समाज का प्रतीक बन जाएगा। अगर बीमारी से खुद को बचाना है और दूसरों को भी बचाना है तो आपको मास्क लगाना पड़ेगा और मेरा तो सिंपल सुझाव रहता है, गमछा, गमछा से मुंह ढकना है।

अध्यादेश की दिलाई याद : देशभर से स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों ने अभी हाल ही में जो अध्यादेश लाया गया है, उसमें कोरोना योद्धाओं के साथ हिंसा, उत्पीड़न और उन्हें किसी रूप में चोट पहुंचाने वालों के खिलाफ बेहद सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।

सबकी मदद : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ के तहत गरीबों के अकाउंट में पैसे सीधे ट्रांसफर किए जा रहे हैं। वृद्धावस्था पेंशन जारी की गई हैं। गरीबों को तीन महीने के मुफ्त गैस सिलेंडर, राशन जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं।

देश एक टीम बनकर कर रहा काम : आज के्ंद्र सरकार हो, राज्य सरकार हो, इनका हर एक विभाग और संस्थान राहत लिए मिलजुल कर पूरी स्पीड से काम कर रहे हैं। देश के हर हिस्से में दवाइयों को पहुंचाने के लिए लाइफ-लाइन उड़ान नाम से एक विशेष अभियान चल रहा है।

हर कोई लड़ रहा लड़ाई : हर कोई अपने सामर्थ्य के हिसाब से इस लड़ाई को लड़ रहा है। कोई किराया माफ कर रहा है तो कोई अपनी पूरी पेंशन या पुरस्कार में मिली राशि को पीएम केयर्स में जमा करा रहा है। कोई खेत की सारी सब्जियां दान दे रहा है तो कोई हर रोज सैकड़ों गरीबों को मुफ्त में भोजन करा रहा है। यही भाव कोरोना के खिलाफ भारत की इस लड़ाई को ताकत दे रहा है।

एक बहुत बड़ा महायज्ञ : ताली, थाली, दीया, मोमबत्ती, इन सारी चीजों ने जो भावनाओं को जन्म दिया। जिस जज्बे से देशवासियों ने कुछ न कुछ करने की ठान ली, हर किसी को इन बातों ने प्रेरित किया है। शहर हो या गांव, ऐसा लग रहा है, जैसे देश में एक बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है, जिसमें हर कोई अपना योगदान देने को आतुर है।
भविष्य में चर्चा होगी : भविष्य में जब इसकी चर्चा होगी, उसके तौर-तरीकों की चर्चा होगी, मुझे विश्वास है कि भारत यह पीपल ड्राइवेन लड़ाई, इसकी चर्चा जरूर होगी।

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