फेफड़ों में इंजेक्शन लगाकर ठीक हो सकता हैं कोरोना, राष्ट्रपति ट्रंप का नया दावा

0

वॉशिंगटन : एन पी न्यूज 24 – विश्व की महासत्ता देश अमेरिका ने कोरोना वायरस के आगे घुटने टेके दिए है। यहां मौत का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। अमेरिका में कोरोना से 24 घंटे में 3176 लोगों की मौत हो गयी। इसके साथ ही यहां पर मरने वालों की संख्या 50000 के करीब पहुंच गई है। वहां स्थिति बेहद भयावक हो गयी है। हर दिन हजारों की संख्या में लोग मारे जा रहे है। अमेरिका में हो रहे मौत के आकड़ों ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है।

इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना ठीक होने को लेकर एक नया दावा किया है। ट्रंप का कहना है कि कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों के फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है ऐसे में एक इंजेक्शन के जरिए उन्हें क्लीन कर दिया जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुरूवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने बताया कि नई रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना वायरस का विभिन्न तापमान, मौसमों और सर्फेस पर व्यवहार कैसे बदला रहा है।

ट्रंप का नया दावा –
बातचीत के दौरान ट्रंप ने अचानक दावा किया- ‘….मैंने देखा कि कैसे फेफड़ों में मौजूद इन्फेक्ट एरिया को क्लीन कर दिया गया। हम ऐसा कुछ कर सकते हैं कि फेफड़ों के भीतर एक इंजेक्शन लगा दें जिससे अन्दर का सारा इन्फेक्शन क्लीन हो जाए। ये क्लीनिंग जैसा कुछ हो सकता है। क्योंकि ये वायरस फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर करता है और इससे ही सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं। हमें इसके बारे में पता लगाना चाहिए, डॉक्टर्स से इसके बारे में सलाह लेनी चाहिए लेकिन ये आयडिया काफी अच्छा लग रहा है।’

सोशल मीडिया पर ट्रंप के दावा का उड़ रहा मजाक –
बताया जा रहा है कि ट्रंप जिस वक़्त ये थियरी दे रहे थे तब व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फ़ोर्स की कॉर्डिनेटर डॉक्टर देबोराह ब्रिक्स भी वहीं मौजूद थीं, हालांकि उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि ट्रंप के इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर उनका काफी मज़ाक उड़ाया जाने लगा। कई लोगों ने कहा कि ऐसा ही चलता रहा तो ट्रंप कुछ दिनों में कोरोना वायरस को अल्ट्रा वायलेट किरणों से भी जलाकर मारना चाहेंगे।

डॉक्टर्स ने ट्रंप के दावे को फेक बताया –
बता दें कि ट्रंप के इस दावे को कई डॉक्टर्स ने गलत बताया है। यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया के प्रोफ़ेसर रॉबर्ट राईख ने कहा है कि ‘ट्रंप जो गलत जानकारियां साझा कर रहे हैं ये आम लोगों की जिंदगी के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं।’

Leave A Reply

Your email address will not be published.