पालघर. समाचार ऑनलाइन महाराष्ट्र बीजेपी ने पालघर मॉब लिंचिंग मामले में सीआईडी जांच की है। वहीं महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि पालघर हिंसा को धार्मिक रंग दिया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने दावा किया कि मामले में 101 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जिनमें से एक भी मुस्लिम नहीं है। उन्होंने आरोपियों के नाम की वॉट्सऐप लिस्ट भी जारी की। उन्होंने कहा, ‘आज पूरे महाराष्ट्र मे सभी कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में धार्मिक रंग लाना बिल्कुल गलत है, लेकिन ऐसे समय में भी कुछ लोग मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखने का काम कर रहे हैं। सभी सरकार को सहायता करें।’
अपनी सफाई मं यह कहा : वधावन बंधुओं को रिसोर्ट में भेजे जाने के मामले पर उन्होंने कहा है कि इन्हें सरकार भागने नहीं देगी। बुधवार को फेसबुक लाइव के माध्यम से गृहमंत्री देशमुख ने पत्रकारों को जानकारी दी। पालघर जिले में वाहन चालक सहित दो साधुओं को ग्रामीणों ने पीट पीटकर मार डाला। इस प्रकरण को लेकर भाजपा सहित आरएसएस के विविध संगठनों व उनके नेताओं ने जमकर विरोध किया है। राज्य सरकार के विरोध में साधु समाज की ओर से प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी गई है। गृहमंत्री ने कहा कि पालघर की घटना मानवता का कालिख पोतनेवाली है। जहां घटना हुई वह दुर्गम आदिवासी बहुल परिसर है। वहां कुछ समय से अफवाह फैली थी कि रात में वेश बदलकर कुछ लोग गांव के बच्चों को ले जाने के लिए आते हैँ। इस हत्या प्रकरण की जांच स्पेशल आईजी कर रहे हैं। संपूर्ण जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को दी गई है।
सीबीआई को सौंपेंगे : वधावन बंधुओं के मामले में विरोध पर गृहमंत्री ने कहा कि दोनों भाइयों को कहीं भागने नहीं दिया जाएगा। दोनों सरकार की हिरासत में है। बुधवार को ही वधावन बंधुओं का कोरंटाइन काल पूरा हो रहा है। उन्हें सीबीआई को सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि बिजनेसमैन कपिल वधावन व उसके भाई धीरज वधावन को लाकडाऊन में खंडाला से महाबलेश्वर जाने की अनुमति देने के मामले में गृह विभाग के प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता को राज्य सरकार पहले ही अवकाश पर भेज चुकी है।