नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा राज्यों को दिए गए रैपिड टेस्ट किट से परीक्षण पर अगले दो दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। आईसीएमआर ने बताया कि कोरोना के टेस्ट के दौरान आईटीपीसीआर के पॉजिटिव सैंपल्स में ज्यादा वेरिएशन आ रही है। अब इन रैपिड टेस्ट किट्स का परीक्षण आईसीएमआर के 8 इंस्टीट्यूट फील्ड में जाकर करेंगे। उसके बाद नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। कोरोना रैपिड टेस्ट किट को लेकर उठ रहे सवालों पर चीन की ओर से सफाई आई है।
भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा है कि चीन निर्यात किए गए चिकित्सा उत्पादों की गुणवत्ता को बहुत महत्व देता है। संबंधित भारतीय एजेंसी के साथ हम संपर्क में हैं और आवश्यक मदद की जाएगी। बता दें कि राजस्थान ने पहले ही रैपिड टेस्ट किट को लेकर सवाल खड़े किए थे।
क्या है पूरा मामला –
केंद्र सरकार को रैपिड टेस्ट पर दो दिन का ब्रेक इसलिए लगाना पड़ा, क्योंकि राजस्थान सरकार ने इसके नतीजों पर सवाल उठा दिए। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती 168 कोरोना मरीजों का रैपिड टेस्ट किया गया, लेकिन सिर्फ 5 फीसदी मरीज ही टेस्ट में पॉजिटिव मिले। इसके बाद गहलोत सरकार ने प्रदेश में रैपिड टेस्ट करने पर रोक लगा दी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अबतक देश के तमाम राज्यों में लाखों रैपिड टेस्ट किट बांटी जा चुकी है। दिल्ली को 42,000, राजस्थान 10000, उत्तर प्रदेश 8500 ,पंजाब 10000, और गुजरात में 24 हजार किट भेजे गए हैं।
कैसे काम करता है रैपिड टेस्ट –
इस टेस्ट में उंगली से खून की एक- दो बूंदे निकाली जाती हैं। फिर किट में डालकर एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। अगर इंसान के शरीर में कोरोना या किसी और वायरस का इंफेक्शन है तो एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आता है। इसके नतीजे 15 से 20 मिनट में ही आ जाते हैं।