लॉकडाउन के दौरान मॉब लिंचिंग, महाराष्ट्र में दो साधुओं की पीट-पीट कर हत्या, 101 लोग गिरफ्तार, बीजेपी और संतों में आक्रोश
पालघर : एन पी न्यूज 24 – लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र से एक मॉब लिंचिंग की खबर सामने आई है। करीब 200 लोगों की भीड़ ने महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में जूना अखाड़े के दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी। वहीं, पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों और 110 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिनमें से 101 को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और नौ नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृह में भेज दिया गया है।
महाराष्ट्र के पालघर का एक और विडीओ सामने आया है ..हृदयविदारक ..बेबस संत पुलिस के पीछे अपनी जान बचाने भाग रहा है और ऐसा साफ़ दिख रहा है की पुलिस न केवल अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हट रही है अपितु ऐसा लगता है की बेचारे संत को भीड़ में धकेला जा रहा है।
ये महाराष्ट्र में क्या हो रहा है? pic.twitter.com/6KC3gJQPgn— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 19, 2020
पालघर में कोई 1 या 2 पुलिस वाले नहीं थे जैसा कुछ विडीओ में लग रहा है ..पूरी पुलिस फ़ौज के होते हुए ये लंचिंग हुई है।
यह सोचने के लिए बाध्य करती है की पुलिस को ऐसी क्या मजबूरी थी की उनके आँखो के सामने ये जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया?
महाराष्ट्र सरकार को बहुत कुछ का जवाब देना है। pic.twitter.com/E52dLoN22N— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 19, 2020
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया ट्वीट – महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को अमानवीय करार देते हुए ट्वीट कर कहा कि पालघर जिले की इस घटना का वीडियो काफी हैरान करने वाला और अमानवीय है। कोरोना महामारी के संकट के बीच इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। फडणवीस ने आगे लिखते हुए कहा कि मैं राज्य सरकार से गुजारिश करना चाहता हूं कि वह इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाएं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करें।
The cruelty with which the mob lynching in #Palghar happened, is beyond inhuman.
I demand a High Level Enquiry and strictest action be taken at the earliest.#Maharashtra #Mumbai pic.twitter.com/tnagputI7J— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 19, 2020
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय का ट्वीट – महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने ट्वीट किया, पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने 2 साधु, 1 ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दंड दिया जाएगा।
The Palghar incident has been acted upon. The police has arrested all those accused who attacked the 2 sadhus, 1 driver and the police personnel, on the day of the crime itself.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 19, 2020
क्या था पूरा मामला? – जूना अखाड़े के दो साधु अपने ड्राइवर के साथ मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे। तभी पालघर के एक गांव में गांव वालों ने इन्हें डकैत समझ कर पीट-पीट कर मार डाला। ये तीनों मुंबई के कांदिवली इलाके से मारुति ईको कार में सवार होकर सूरत निकले जहां उनके साथी की मौत हो गई थी। दोनो साधुओं को ही उनका अंतिम संस्कार करना था। जब इनकी गाड़ी महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर पर पहुंची तो पुलिस ने उन्हें रोक कर वापस भेज दिया। इसके बाद तीनों ने अंदरूनी जंगल वाले रास्ते से होकर आगे बढ़ना तय किया।
The three men were taken to hospital where they were declared dead. Investigation underway. Our policemen also got injured in the incident: Kailash Shinde, District Magistrate, Palghar. #Maharashtra https://t.co/7jraaUds1z
— ANI (@ANI) April 19, 2020
इस बीच पालघर जिले के कई गांवों में अफवाह फैल गई कि लॉकडाउन का फायदा उठाकर अपराधी तत्व बैखौफ होकर चोरी डकैती को अंजाम दे रहे हैं। लोगों का अपहरण कर उनकी किडनी निकाल रहे हैं। इस अफवाह के चलते गांव वालों ने बिना कुछ सोचे समझे इनकी गाड़ी देख इन पर हमला कर दिया और गाड़ी को पलट दिया। पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई। पुलिस ने वहां पहुंचकर इन तीनों को अपनी गाड़ी में बैठाया लेकिन गांव वालों की भारी भीड़ के सामने पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम थी, इसलिए तीनों घायलों को छोड़कर पुलिसकर्मी भाग खड़े हुए। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने इन्हें पीट-पीट कर मार डाला।