लॉकडाउन के दौरान मॉब लिंचिंग, महाराष्ट्र में दो साधुओं की पीट-पीट कर हत्या, 101 लोग गिरफ्तार, बीजेपी और संतों में आक्रोश

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पालघर : एन पी न्यूज 24 – लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र से एक मॉब लिंचिंग की खबर सामने आई है। करीब 200 लोगों की भीड़ ने महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में जूना अखाड़े के दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी। वहीं, पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों और 110 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिनमें से 101 को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और नौ नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृह में भेज दिया गया है।

जल्द गिरफ्तार न होने पर करेंगे आंदोलन – अब घटना को लेकर विपक्ष, उद्धव सरकार पर लगातार हमलवार है। साधुओं की निर्मम हत्या को लेकर साधु-संतों सहित नेताओं ने रोष जताया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने रविवार को इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और चेतावनी दी कि अगर हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी नहीं की गई तो महाराष्ट्र सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा। बता दें कि लिंचिंग की घटना गुरुवार रात की है लेकिन अब इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद यह मामला बढ़ गया है। जहां ग्रामीणों ने जूना अखाड़े के दो साधुओं समेत उनके ड्राइवर की भीड़ ने लाठी-डंडो से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी

 

 

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया ट्वीट – महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को अमानवीय करार देते हुए ट्वीट कर कहा कि पालघर जिले की इस घटना का वीडियो काफी हैरान करने वाला और अमानवीय है। कोरोना महामारी के संकट के बीच इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। फडणवीस ने आगे लिखते हुए कहा कि मैं राज्य सरकार से गुजारिश करना चाहता हूं कि वह इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाएं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करें।

 

महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय का ट्वीट – महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने ट्वीट किया, पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने 2 साधु, 1 ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दंड दिया जाएगा।

 

 

क्या था पूरा मामला? – जूना अखाड़े के दो साधु अपने ड्राइवर के साथ मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे। तभी पालघर के एक गांव में गांव वालों ने इन्हें डकैत समझ कर पीट-पीट कर मार डाला। ये तीनों मुंबई के कांदिवली इलाके से मारुति ईको कार में सवार होकर सूरत निकले जहां उनके साथी की मौत हो गई थी। दोनो साधुओं को ही उनका अंतिम संस्कार करना था। जब इनकी गाड़ी महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर पर पहुंची तो पुलिस ने उन्हें रोक कर वापस भेज दिया। इसके बाद तीनों ने अंदरूनी जंगल वाले रास्ते से होकर आगे बढ़ना तय किया।

 

 

 

 

इस बीच पालघर जिले के कई गांवों में अफवाह फैल गई कि लॉकडाउन का फायदा उठाकर अपराधी तत्व बैखौफ होकर चोरी डकैती को अंजाम दे रहे हैं। लोगों का अपहरण कर उनकी किडनी निकाल रहे हैं। इस अफवाह के चलते गांव वालों ने बिना कुछ सोचे समझे इनकी गाड़ी देख इन पर हमला कर दिया और गाड़ी को पलट दिया। पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई। पुलिस ने वहां पहुंचकर इन तीनों को अपनी गाड़ी में बैठाया लेकिन गांव वालों की भारी भीड़ के सामने पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम थी, इसलिए तीनों घायलों को छोड़कर पुलिसकर्मी भाग खड़े हुए। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने इन्हें पीट-पीट कर मार डाला।

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