ड्रैगन की चालाकी नहीं चलेगी…केंद्र ने जारी किए दिशा-निर्देश, कहा- बिना मंजूरी भारत में अब निवेश की इजाजत नहीं

0

नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – कोरोना संकट के दौर में भारतीय कंपनियों के शेयर की कीमत काफी घट गई है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि चीन खुद या फिर दूसरे किसी पड़ोसी देश के जरिये भारत में अपना निवेश बढ़ा सकता है। इसे भांपते हुए केंद्र सरकार ने नए दिशा-निर्देश में कहा है कि चीन और उस जैसे दूसरे पड़ोसी देशों की कंपनियों को बिना मंजूरी भारत में निवेश की इजाजत नहीं होगी। सरकार ने हालांकि जारी किए गए नोटिफिकेशन में साफ-साफ चीन का नाम नहीं लिया है, बल्कि यह कहा गया है कि वो देश जिनकी सीमा भारत से लगती है, सभी के लिए निवेश से पहले मंजूरी जरूरी होगी।

यह है अंदर की बात : दरअसल, दुनिया की तमाम सरकारें कंपनियों की अवसरवादी खरीद से निपटने में जुटी हुई हैं। महामारी के दौरान दुनियाभर में कंपनियों की वैल्युएशन 50 से 60 फीसदी तक गिर गई है। पिछले एक साल में चीन की तरफ से देश में करीब 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश आया है। यही नहीं, चीन ने बड़े पैमाने पर स्टार्टअप में भी पैसा लगाया है। चीन के निवेश की रफ्तार बाकी देशों के मुताबिक ज्यादा ही तेज रहती है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कोरोना संकट के दौर में चीन और उसके जैसे तमाम देश, जिनके पास खरीदने की ताकत मौजूद है, अपने से कमजोर देशों में तेजी से अधिग्रहण करने में जुटे हैं। इससे निपटने के लिए जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन और इटली जैसे देशों ने भी इसी तरह के कदम उठाए हैं। आने वाले दिनों में तमाम और देश भी अपनी कंपनियों को बचाने के लिए ऐसे कदम उठाने को मजबूर होंगे।

सीधे विदेशी निवेश पर भी सख्ती : भारत ने चीन और अन्य पड़ोसी देशों से सीधे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर भी पाबंदी लगा दी है। महामारी से अर्थव्यस्था में उथल-पुथल के बीच केंद्र सरकार ने घरेलू कंपनियों का अधिग्रहण रोकने के लिए यह फैसला लिया है। भारत के साथ सीमाएं साझा करने वाले देशों में चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान शामिल हैं। पाक के निवेशकों पर शर्त पहले से लागू है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.