ईपीएफ, पीपीएफ और जीपीएफ निवेश के लिए काफी बेहतर, पर नाम को लेकर भारी कन्फ्यूजन, जानें इनमें क्या है फर्क

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नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – कर्मचारी भविष्य निधि, लोक भविष्य निधि और जनरल प्रोविडेंट फंड निवेश के बेहतरीन विकल्प हैं, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि लोग इनके नामों को लेकर भ्रम में पड़ जाते हैं। कुछ तो यह समझने की भी भूल कर बैठते हैं कि तीनों एक ही हैं। हम आपको बता रहे हैं कि तीनों ही स्कीम बिल्कुल अलग-अलग और निवेश के सुरक्षित मंच हैं।
इसे आसानी से इस प्रकार समझें-
कर्मचारी भविष्य निधि : कोई भी सेवारत व्यक्ति सेवानिवृत्ति उपरांत के जीवन को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना चाहता है। इसमें उसके लिये कर्मचारी भविष्य निधि यानि ईपीएफ यानी सहायक होते हैं। अधिकतर कर्मचारियों के लिए यह अनैच्छिक बचत होती है, किन्तु सेवानिवृत्ति या असामयिक मृत्यु या अपंगता की स्थिति में कर्मचारी और उसके के परिवार के लिये ये अत्यंत लाभदायक होते हैं। यह एक अनिवार्य बचत योजना है जो 20 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी के कर्मचारियों के लिए लागू होती है, जिनका वेतन निर्धारित न्यूनतम राशि से अधिक है। आपके ईपीएफ मैच्योर होने पर मिलने वाली राशि को केवल तभी छूट दी जाती है जब आपके पास कम से कम पांच साल की निरंतर जॉब का ट्रैक रिकॉर्ड हो। इसकी ब्याज दरें 10 साल के सरकारी बॉन्ड यील्ड और तिमाही आधार पर बदलती हैं। 2018-19 की अंतिम तिमाही में पीपीएफ ब्याज दर 8 फीसद की दर से मिल रही है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड : पब्लिक प्रोविडेंट फंड अथवा लोक भविष्य निधि (पीपीएफ़)) भारत में बचत एवं कर-बचत करने के लिये प्रयुक्त एक जमा योजना है। पीपीएफ का खाता किसी डाकघर में, भारतीय स्टेट बैंक की किसी शाखा में, तथा कुछ अन्य राष्ट्रीकृत बैंकों में खोले जा सकते। यह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना है। एक वित्तीय वर्ष में आपको न्यूनतम जमा राशि 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये करने की अनुमति है। इसमें एकमुश्त या किस्तों में योगदान किया जा सकता है।

जनरल प्रोविडेंट फंड यानी जीपीएफ: यह एक प्रकार का प्रोविडेंट फंड है। फिलहाल इसमें केवल सरकारी कर्मचारी ही पैसे जमा कर सकते हैं। कर्मचारी चाहे तो बीच में भी इस पैसे को जरुरत के समय निकाल सकता है। इसमें अच्छी बात यह है कि इसमें जमा पैसा रिटायरमेंट के वक्त सरकारी कर्मचारी को मिल जाता है। एक सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का एक निश्चित हिस्सा योगदान के रूप में देकर इसका सदस्य बन सकता है।

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