वाशिंगटन. एन पी न्यूज 24 – भारत और अमेरिका की दोस्ती कोरोना के साथ जारी इस जंग में भी दिख रही है। भारत ने जहां अमेरिका की मांग पर दवाओं की आपूर्ति की, वहीं अमेरिका ने भारत की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उसने भारत को स्वास्थ्य सहायता के तौर पर करीब 60 लाख डॉलर की सहायता दी है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस सहायता का उपयोग आपातकालीन तैयारी और इस महामारी की प्रतिक्रिया के खिलाफ तंत्र को जुटाने के लिए भी किया जाएगा है।
यह सहायता इसलिए खास : अमेरिका की यह सहायता इसलिए भी खास है कि खुद वह कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। गुरुवार को सिर्फ एक दिन में वहां 2500 लोगों की मौत हो गई है। दुनिया में कोरोना वायरस से यह एक दिन में सबसे ज्यादा लोगों के मरने का रिकॉर्ड है। अमेरिका में अब तक 33 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 6 लाख 71 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।
अब तक 2.8 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता : पिछले 20 सालों के दौरान अमेरिका ने भारत को लगभग 2.8 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता दी है, जिसमें से 1.4 अरब से ज्यादा स्वास्थ्य सहायता के लिए दिया गया है। स्टेट डिपार्टमेंट और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ने अब आपातकालीन स्वास्थ्य, मानवीय और आर्थिक सहायता के लिए 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा की मदद की प्रतिबद्धता जताई है।
और भी देशों के लिए खोली झोली : अमेरिका पहले से ही बहुपक्षीय और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को महामारी से निपटने में मदद कर रहा है। दक्षिण एशिया में अमेरिका ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अफगानिस्तान को 8 मिलियन अमेरिकी डॉलर, बांग्लादेश को 9.6 मिलियन डॉलर, भूटान को 5 मिलियन डॉलर, नेपाल को 1.8 मिलियन डॉलर, पाकिस्तान को 9.4 मिलियन डॉलर और श्रीलंका को 1.3 मिलियन डॉलर की सहायता दी है।