पुणे। एन पी न्यूज 24 – अभी मुंबई में बांद्रा का भीड़कांड का मामला ताजा ही है कि पुणे में भी ऐसा एक मामला सामने आया है। यहां लॉकडाउन में फंसे मध्य प्रदेश के करीब 150 मजदूर अपने मूल गांव जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े। हालांकि इन 150 प्रवासी मजदूरों को बुधवार तड़के पुलिस ने रोक लिया। पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर पुणे में अपने घरों में लौट जाने के लिए मना लिया और उनके खाने पीने का सारा प्रबंध करने को लेकर आश्वस्त किया।
पुलिस के मुताबिक, ये सभी मजदूर पुणे के कात्रज इलाके में रहते हैं और शहर के आसपास मजदूरी करते हैं। कोंढवा पुलिस की पैट्रोलिंग टीम ने देखा कि बुधवार तड़के करीब 150 लोगों का एक समूह पैदल जा रहा है जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने बताया कि वे पुणे के आसपास मजदूरी करते हैं और पैदल ही मध्य प्रदेश में अपने मूल स्थान जा रहे हैं। उन्हें लग रहा था कि अब लॉक डाउन की मियाद बढ़ जाने से पुणे में उनका निबाह नहीं हो पायेगा। उन्होंने पुलिस को बताया कि ऐसा प्रतीत होता था कि इन लोगों को लगा कि उन्हें कोई सवारी मिल जाएगी जिससे वे पड़ोसी राज्य में अपने मूल स्थान पहुंच जाएंगे।
फिलहाल पुलिस ने उन्हें पुणे से नहीं जाने के लिए समझाया और उन्हें आश्वस्त किया कि उनके रहने और खाने पीने का सारा इंतज़ाम कराया जाएगा। बहरहाल, उन्होंने कात्रज इलाके में अपने स्थानों पर जाने का फैसला किया जहां वे फिलहाल रुके हुए थे।हालांकि पुणे में फंसे दूसरे जिलों व राज्यों के मजदूरों के हाल बेहाल है। खुद मनपा प्रशासन ने इन मजदूरों को उनके गांव घर जाने की अनुमति देने के पक्ष में हैं। ज्ञात हो कि लॉक डाउन में कामकाज ठप्प होने से पुणे जिले में करीबन 1500 मजदूर फंसे हैं। उनके भोजनादि का प्रबंध करने में मनपा की यंत्रणा पर भार बढ़ रहा है। इन मजदूरों द्वारा लगातार अपने मूल गांव जाने देने की मांग की जा रही है। इसके चलते प्रशासन ने मजदूरों को उनके गांव जाने देने की अनुमति देने की मांग राज्य सरकार से की है।
Leave a Reply