Good Friday 2020 : आज है गुड फ्राइडे, सूली पर लटकते समय क्या कहा यीशु ने, जानें उन्हें क्यों दी थी सूली

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मुंबई : एन पी न्यूज 24 – आज गुड फ्राइडे है। आज के दिन ईसा मसीह के त्याग को याद किया जाता है। इस दिन ईसाई लोग चर्च में जाकर यीशु को याद हुए शोक मनाते हैं, क्योकि प्रभु यीशु ने बढ़ते पाप को देखते हुए अपना बलिदान दिया था। इस दिन करोड़ों ईसा मसीह के अनुयायी निराहार व्रत भी रखते हैं। लॉकडाउन के चलते देश भर के सभी चर्च में होने वाले गुड फ्राइडे के सभी कार्यों को रद कर दिया गया है। ऐसे में आप घर बैठे यीशु के बलिदान को याद करें।

इसलिए कहलाता है गुड फ्राइडे –
ईसाई धर्मग्रंथों के अनुसार, प्रभु यीशु को जिस दिन सूली पर चढ़ाया गया था, उस दिन शुक्रवार था। उसी दिन की याद में उनके अनुयायी गुड फ्राइडे मनाते हैं। इस दिन चर्च में प्रभु यीशु को याद किया जाता है और उनके उपदेश को सुना जाता है। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। सभी के मन में यह प्रश्‍न आता है कि जब इस दिन यीशू को सूली पर चढ़ाया गया था तो इसे ‘गुड’ कहकर क्‍यों संबोधित किया जाता है।

ईसाई धर्म में ऐसी मान्‍यता है कि ईसा मसीह ने मानवती की भलाई के लिए अपनी जान को दांव पर लगा दिया था, इस कारण इसे प्रेरणास्रोत के तौर पर गुड फ्राइडे कहा जाता है। उनका आचरण धर्म और सत्‍कर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। ईसाई समुदाय के ज्यादातर लोग इस दिन काले कपड़े पहनकर अपना शोक व्यक्त करते हैं। प्रभु यीशु से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।  गुड फ्राइडे के दिन विशेष रूप से मीठी रोटियां बनाई जाती हैं। जिसे प्रसाद के रूप में बांटा भी जाता है।

उन्हें क्यों दी थी सूली –
प्रभु यीशु पर 3 आरोप लगे थे। सबसे बड़ा आरोप यह था था कि वह खुद को मसीहा और ईश्वर का पुत्र कहते थे। यहूदियों के धर्मगुरुओं को यह अच्‍छा नहीं लगा और उन्होंने इसकी शिकायत रोमन गवर्नर पिलातुस से की। पिलातुस को यीशु में कोई खोट नहीं नजर आई। तब भी रोमी टुकड़ी के सिपाहियों और उनके सूबेदारों तथा यहूदियों के मन्दिर के पहरेदारों ने यीशु को बंदी बना लिया। वे उसे लेकर अंत में पिलातुस के पास लाए। सूली पर चढ़ाते समय भी उन्हें कई तरह की कई यातनाएं दी गई थी।

यहूदियों के दबाव के चलते पिलातुस ने यीशु को कोड़े लगवाए। सिपाहियों कंटीली टहनियों को मोड़ कर एक मुकुट बनाया और उसके सिर पर रख दिया। फिर उन्हें एक बड़ा सा क्रूस दिया गया जिसे लेकर उन्हें उस स्थान पर जाना था जहां सूली दी जाती है। इसे गुलगुता (खोपड़ी का स्थान) कहा जाता था। संपूर्ण रास्ते में उन्हें कोड़े मारे गए और अंत में वे वहां पहुंचे और सभी के सामने दो लोगों के साथ सूली पर लटका दिया। यीशु के क्रूस के पास उसकी मां, मौसी क्लोपास की पत्नी मरियम, और मरियम मगदलिनी खड़ी थी। इस दौरान प्रभु यीशु ने 7 वचन दिये। प्रभु यीशु के बलिदान को याद करके इस दिन इस पर्व का मनाया जाता है।

सूली पर लटकते समय क्या कहा यीशु ने –
-हे पिता इन्हें क्षमा करना क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं?

– मैं तुझसे सच कहता हूं कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।

-हे नारी देख ये तेरा पुत्र है तब उस चेले से कहा यह तेरी माता है।

-इलोई इलोई लमा शबक्तनी? हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?

-मैं प्यासा हूं।

-पूरा हुआ।

– हे पिता मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं।

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