नई दिल्ली:एन पी न्यूज 24: देश में कोरोना का प्रकोप जारी है. तेजी से सैंकड़ों लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. साथ ही कईयों की मृत्यू भी हो रही है. इस बीच सरकार ने कोरोना वायरस के मरीजों के अंतिम संस्कार को लेकर एडवाइजरी जारी कर सभी संक्रमितों के शवों को जलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि संक्रमण न फ़ैल पाए. इसलिए लोगों को मृत मरीजों के शव से संक्रमण फैलने का डर सता रहा है. इस बीच पंजाब के अमृतसर से मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है. यहां पर एक कोरोना मरीज का शव उसी के परिवारवालों ने लेने से साफ इंकार दिया.
मिली जानकारी की अनुसार मृत जसविंदर सिंह निगम सुपरिटेंडेंट थे, जिनके शव से परिवार ने दूरी बना ली. इसके बाद, कलेक्टर शिवदुलार सिंह ढिल्लों ने जसविंदर सिंह के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी प्रशासन को सौंप दी. पश्चात एसडीएम विकास हीरा, एसीपी जसप्रीत सिंह, तहसीलदार अर्चना और एसएचओ गुरुंद्र सिंह सहित कुछ अधिकारियों ने उनके अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली.
सिख परंपरा के अनुसार शहर के गुरुद्वारा के पास श्री शहीदा साहिब के समीप स्मशानभूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया। क्षेत्र के पटवारी और निगम के कर्मचारियों ने जसविंदर सिंह के पार्थिव शरीर को अपना कंधा दिया. वहीं तहसीलदार अर्चना ने अंतिम अरदास ग्रंथ के लिए ग्रन्थी सिंह की व्यवस्था की.
एसडीएम विकास हीरा ने बताया कि, हमने मृतक के परिवार से संपर्क किया था. हालांकि, परिवार ने बॉडी को लेने से इनकार कर दिया, जबकि मृतक की एक बेटी डॉक्टर है.
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