नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – चुनावी बेला में कोरोना महासंकट के कुप्रबंधन को लेकर अपने घर में बुरी तरह से फंसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से मदद तो मांगी ही, लेकिन धमकी भरे लहजे का इस्तेमाल भी किया। कहा- अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो अमेरिका भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है। अब भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है और कहा है कि पहले भारत में इसकी जरूरतों और स्टॉक को परखा गया है और उसी के बाद सर्वाधिक प्रभावित देशों को मदद पहुंचाने का फैसला लिया है।
इसलिए ट्रंप हताश : दरअसल, महामारी को रोकने में पूरी तरह से फेल ट्रंप काफी निराश हैं। इसी हताशा में अमेरिकी राष्ट्रपति कभी विपक्षी नेताओं और कभी ईरान पर जुबानी हमले करके पूरे मुद्दे को डायवर्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप को यह डर सता रहा है कि इसी साल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और अगर कोरोना वायरस संकट का जल्द समाधान नहीं हुआ तो उनके दोबारा जीत में मुश्किल आ सकती है।
हालात का जायजा ले रहे हैं हम : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद विदेश मंत्रालय के नए प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर लगातार हालात का जायजा लिया जा रहा है, जब एक बार भारत में इनका भरपूर स्टॉक होगा तब कंपनियों की ओर से उस आधार पर फैसला लिया जा सकता है। भारत को पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का ध्यान इसलिए भी रखना है, क्योंकि कुछ पड़ोसी देश पूरी तरह से हमारे पर निर्भर हैं। ऐसे में उन्हें इन दवाई की इजाजत दी गई है। साथ ही जरूरत की दवाइयों की सप्लाई उन देशों को जरूर की जाएगी, जहां कोरोना वायरस की वजह से हालात ज्यादा खराब हैं। ऐसे में इस स्थिति को किसी भी तरह से राजनीतिक रूप ना दें। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी प्राथमिकता ये है कि जरूरत की दवाइयों का देश में भरपूर स्टॉक हो, ताकि अपने लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसी के चलते कई दवाइयों पर कुछ समय के लिए निर्यात पर रोक लगाई थी, लेकिन लगातार नए हालात को देखते हुए सरकार ने कुछ दवाओं पर लगी निर्यात की रोक हटा दी है।