नक्सलियों का बड़ा बयान, बोले- कोरोना की वजह से नहीं करेंगे कोई हमला

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नई दिल्ली :एन पी न्यूज 24 – कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। भारत में भी अब इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है। ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब नक्सलियों ने भी शांति की पहल की है। एक अख़बार में छपी खबर के मुताबिक, सीपीआई (माओवादी) ने सुरक्षा बलों के खिलफ लड़ाई में अब सीजफायर की अपील की है। उन्होंने कहा है कि सरकार को वे इस ऑफर पर जवाब देने के लिए पांच दिनों का समय दे रहे हैं।

नहीं करेंगे सुरक्षाबलों पर हमला –
हालांकि इससे आज से करीब दो सप्ताह पहले 21 मार्च को ही नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में 17 सीआरपीएफ के जवानों की हत्या कर दी थी। पार्टी के लैटर हैड पर तेलगु में हस्त लिखित पत्र प्रशासिनक अधिकारियों को 5 अप्रैल को मिला है। इस पत्र को सीपीआई (माओवादी) मलकानगिरी-कोरापुत-विशाखा बॉर्डर डिविजन कमेटी के सेक्रेट्री कैलाशम ने लिखा है। उसने कहा कि कोरोना के चलते दुनिया भर में हाहाकार मचा है। हमारी पार्टी की विंग पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी और अन्य संगठनों ने यह निर्णय लिया है कि इस विपरीत समय में सुरक्षा बलों पर कोई हमला नहीं किया जाएगा।  हालांकि ये स्टेटमेंट पार्टी के आलाकमान की तरफ से जारी नहीं किया गया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि नक्सली सरकार के इरादों का पता करना चाहते हैं कि इस तरह के प्रस्ताव वे मंजूर करती है या नहीं।

सुरक्षाबलों ने अगर कार्रवाई की तो अंजाम बुरा होगा –
सुरक्षा बलों ने की कार्रवाई तो बुरा होगा अंजाम इस पत्र में कैलाशा ने लिखा है कि यदि इस दौरान सुरक्षा बलों ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई की तो अंजाम बुरा होगा। ऐसे में हम चुप नहीं बैठेंगे और सरकार को इसके परिणाम भुगतने होंगे। इस सीजफायर पर जवाब देने के लिए हम सरकार को पांच दिनों का समय दे रहे हैं।

एक अख़बार में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि माओवादियों पर स्‍थानीय लोगों का दबाव है। गांवों के मुखिया और कुछ बुद्धिजीवियों से लगातार माओवादी संपर्क में हैं। ग्रामीणों के अनुसार हिंसा की स्थिति में स्वास्‍थ्य कर्मियों और सरकारी लोगों का गांव में आना संभव नहीं है जिसके चलते यदि कोरोना गांव में फैलता है तो उसे रोकना मुश्किल होगा। खबर है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं ने माववादियों के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है और केंद्र, तेलंगाना व आंध्र प्रदेश सरकार से अपील की है कि वे इस पर सकारात्मक रुख अपनाएं।

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