नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – भारत समेत दुनियाभर में लोग कोरोना से जंग लड़ रहे हैं और इनमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं अस्पताल के डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ, जो खतरे के सबसे ज्यादा करीब तक जाते हैं। ऐसे में इटली की एक कंपनी ने टच स्क्रीन फेस वाला रोबोट तैयार किया है, जो बिना मास्क पहने कोरोना संक्रमित लोगों की मदद करने में लगा है। इस रोबोट का नाम है टॉमी। टॉमी उन 6 नए रोबॉट्स में से एक है, जिन्हें डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। इटली के जिस अस्पताल में इसे लगाया गया है, वहां के प्रमुख डॉक्टर फ्रांसिस्को डेंटली का कहना है, ‘रोबोट ऐसे नर्स की तरह हैं, जिन्हें किसी तरह का इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं है और वे वायरस से सुरक्षित हैं।
और यह करता है ड्रोन : इस अलावा ड्रोन दिल और सांस संबंधी गति को मापता है। ड्रोन का नाम पैनडेमिक ड्रोन रखा गया है। पैनडेमिक का मतलब है महामारी यानी ये ड्रोन महामारी को रोकने में मददगार साबित होगा। ये पैनडेमिक ड्रोन उपकरण बड़े सामाजिक आयोजनों के दौरान खांसते और छींकते हुए लोगों की पहचान करेगा। यह ड्रोन का एल्गोरिदम इंसानी गतिविधियों जैसे छींकना, खांसने आदि 10 मीटर की दूरी से भी माप सकता है।
ऑस्ट्रेलिया में हुआ तैयार : यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया ने ड्रोन तकनीक से जुड़ी कंपनी ड्रैगनफ्लाई इंक के साथ मिलकर ये ड्रोन बनाया है। ये ड्रोन हवाईअड्डे, ऑफिस, एयरपोर्ट, क्रूज शिप, केयर होम और बड़े आयोजनों के दौरान भीड़भाड़ में कोविड-19 से पीड़ित लोगों की पहचान की जा सकेगी। बता दें कि 2017 में शोधकर्ता और उनकी टीम ने एक ऐसे ड्रोन बनाया था, जो इंसानी के दिल की गति का माप सकता है। इस खोज के लिए उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान मिली थी।
जयपुर में भी रोबोट इलाज में कर रहा मदद : जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की आइसोलेशन वॉर्ड में बखूबी देखभाल कर रही है रोबोट ‘सोना। ऐसे मरीजों को दवाईयां देने से खाना लाने तक, पानी से स्नैक्स तक और इतना ही नहीं परेशान घड़ी में उन लोगों के चेहरे पर हंसी लाने का काम यह ‘सोना’ कर रही है। दरअसल, सोना 2.5 एक रोबोट है, जिसका अस्पताल की तरफ से कोरोना मरीजों की देखभाल के लिए ट्रायल बेसिस पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
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