लॉकडाउन का असर…गंगाजल 40 से 50 फीसदी तक साफ, पानी में है गुण, हम ही करते हैं खराब

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 नई दिल्ली .एन पी न्यूज 24 – लॉकडाउन का ये  अब तक का सबसे बड़ा सकारात्मक परिणाम है कि राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रदूषण में कमी आई है। गंगाजल में 40 से 50 फीसदी सुधार का दावा भी जानकार कर रहे हैं। कोरोना वायरस की वजह से देश में चल रहे लॉकडाउन और कल-कारखानों के बंद होने के चलते गंगा के पानी में यह अप्रत्याशित सुधार देखने को मिल रहा है।   वाराणसी के स्थानीय लोगों के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से लोग गंगा स्नान नहीं कर रहे हैं और फैक्टरियां भी बंद हैं, इसकी वजह से गंगा का पानी बहुत साफ नजर आ रहा है। लॉकडाउन की वजह से ऐसा बदलाव देखकर खुशी हो रही है। कानपुर के लोगों का भी गंगा को लेकर कुछ ऐसा ही मानना है।

अब ऐसा है : रियल टाइम वॉटर मॉनिटरिंग में गंगा नदी का पानी 36 मॉनिटरिंग सेंटरों में से 27 में नहाने के लिए उपयुक्त पाया गया है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न जगहों पर गंगा के पानी में काफी सुधार देखा गया। मॉनीटरिंग स्टेशनों के ऑनलाइन पैमानों पर पानी में ऑक्सीजन घुलने की मात्रा प्रति लीटर 6 एमजी से अधिक, बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड 2 एमजी प्रति लीटर और कुल कोलीफार्म का स्तर 5000 प्रति 100 एमएल हो गया है। इसके अलावा पीएच का स्तर 6.5 और 8.5 के बीच है जो गंगा नदी में जल की गुणवत्ता की अच्छी सेहत को दर्शाता है।

तब ऐसा था : सीपीसीबी के रियल टाइम वॉटर मॉनिटरिंग डाटा के अनुसार उसकी 36 मॉनिटरिंग यूनिटों में से 27 के आसपास पानी की गुणवत्ता वन्यजीवों और मछलियों के लिए उपयुक्त पाई गई है। इससे पहले, जब गंगा नदी के पानी की मॉनिटरिंग हुई थी तब उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश में कुछ एंट्री प्वांट्स, पश्चिम बंगाल की खाड़ी में जाने तक पूरे रास्ते नदी का पानी नहाने के लिए भी ठीक नहीं था।

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