नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – कोरोना माहमारी से उबरने के बाद चीन ने भारत के साथ रिश्तों की एक नई शुरुआत की पेशकश की है। ऐसे समय में रिश्तों की पेशकश थोड़ा हैरान जरूर करता है। जब पूरी दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही हो। रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे अपने संदेश में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग और कूटनीतिक रिश्तों की 70वीं सालगिरह पर बधाई दी है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने क्या लिखा है अपने संदेश में –
अपने संदेश में जिनपिंग ने कहा है कि बीते 70 सालों में भारत और चीन ने मिलकर विकास और शांति के क्षेत्र में बहुत अहम काम किया है। अब इस सहयोग और रिश्ते को नए सिरे से आगे ले चलने की जरूरत है। आगे संदेश लिखा गया है कि दोनों देश तमाम क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने और रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। कई अंतर्राष्ट्रीय सवालों पर भी दोनों देशों के बीच बेहतर तालमेल रहा है। जिनपिंग राष्ट्रपति कोविंद के साथ मिलकर इस रिश्ते को नई ऊंचाई तक ले जाना चाहते हैं, जिससे दोनों देशों के आम लोगों को काफी फायदा होगा। अगर दोनों देश मिलकर काम करें तो एशिया ही नहीं, दुनिया के तमाम देशों के बीच एक सकारात्मक संदेश जाएगा।
भारत ने दिया जवाब –
शी जिनपिंग को भेजे जवाबी संदेश में राष्ट्रपति कोविंद ने भी पिछले 70 सालों में दोनों देशों के रिश्तों और सहयोग को बेहद अहम माना है और कहा है कि आने वाले दिनों में भी राजनीतिक, आर्थिक और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क के मामले में चीन और भारत काफी सकारात्मक भूमिका निभाएंगे। पड़ोसी देश होने की वजह से भी दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते दोनों के हित में हैं, साथ ही एशियाई देशों के अलावा दुनिया के तमाम देशों के लिए भी ये जरूरी है। उन्होंने कहा है कि भारत हमेशा इसके लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच भी बधाई संदेशों का आदान प्रदान हुआ –
इस मौके पर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच भी बधाई संदेशों का आदान प्रदान हुआ। चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग ने अपने संदेश में प्रधानमंत्री मोदी से दोनों देशों के बीच बेहतर और मजबूत रिश्तों को दोनों देशों के लिए बेहद फायदेमंद बताया है। उन्होंने कहा है कि चीन भारत के साथ हर तरह का सहयोग करने को तैयार है और वह भारत के साथ हर मोर्चे पर मिलकर काम करना चाहता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जवाबी संदेश में भी लगभग वही बातें कही हैं। उन्होंने कहा है कि दोनों देशों को मिलकर दुनिया के तमाम बड़े और अहम मुद्दों के लिए साथ खड़े होना चाहिए जिससे सभी को फायदा होगा। इससे शांति और सहयोग की दिशा में एक नई मिसाल भी कायम होगी। खास बात ये है कि इन संदेशों में दोनों तरफ से किसी ने भी आज के सबसे बड़े संकट और कोरोना से हुई तबाही का जिक्र नहीं किया है। न ही इससे मिलकर लड़ने या चीन से आई इस विश्वव्यापी महामारी से बचने की दिशा में सहयोग की ही कोई बात हुई है।
गौरतलब है कि चीन अब कोरोना के संकट से उबर चुका है और वहां जिंदगी तेजी से सामान्य हो रही है। ऐसे में अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और दुनिया के बाजार में एक मददगार देश के तौर पर उभर कर चीन सभी देशों के बीच बनी अपनी नकारात्मक छवि को तोड़ना चाहता है।
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