1 अप्रैल से खत्म हुआ ‘इन’ 6 सरकारी बैंकों का अस्तित्व, जाने आप पर पड़ने वाला असर

0

एन पी न्यूज 24 – देश में जारी कोरोना संकट के बीच कल यानीं की 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो गया. इसके साथ ही देश के 6 बड़े सरकारी बैंकों का अस्तित्व भी खत्म हो गया है. क्योंकि अब 10 बैंकों का विलय प्रभाव में आ गया है. इसके बाद अब सरकारी क्षेत्र में 7 बड़े और 5 छोटे बैंक रह जाएंगे. अर्थात् अब सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह गई है. देश के बैंकिंग सेक्टर में यह सबसे बड़ा बदलाब बताया जा रहा है.

1 अप्रैल को जिन 6 बैंकों का विलय हो गया है उनमें- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, आंध्र बैंक, कार्पोरेशन बैंक, इलाहाबाद बैंक और सिंडिकेट बैंक शामिल है.

इन 6 बैंकों का इन 4 बैंकों में हुआ मर्जर…

ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में विलय हो रहा है.

जबकि सिंडीकेट बैंक का केनरा बैंक में, आंध्र बैंक और कार्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय हुआ है. इसके अलावा इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हुआ है.

इन बैंकों के विलय के बाद अब ग्राहकों पर भी इसका असर पड़ना तय है. इसलिए जानते हैं कि बैंक के बदलाव के साथ ग्राहकों को क्या-क्या बदलाव सहने पड़ सकते हैं.

ग्राहकों पर पड़ने वाला असर…
>> ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर ID इशू हो सकता है.
>> ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिल सकते हैं. साथ ही नए डिटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में भी जानकारी अपडेट करवानी होगी.
>> SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है.
>> बैंक नया चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड जारी कर सकता है.
>> फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा.
>> ग्राहकों ने जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा.
>> कुछ शाखाएं बंद होने की संभावना.
>> मर्जर के बाद एंटिटी को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ECS) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा.

>> लोन,एसआईपी, शेयर और ईएमआई पहले की तरह ही शुरू रहेंगे.

>> एटीएम मशीन, ब्रांचेज भी लीडर बैंक हो सकते हैं.

बता दें कि साल 2017 तक देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक थे. लेकिन अब इस नए वित्त वर्ष में देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 18 से घटकर अब 12 रह गई हैं

Leave A Reply

Your email address will not be published.