तबलीगी जमात 150 देशों में सक्रिय, लेकिन इस्लाम के मुख्य केंद्र सऊदी अरब और ईरान ने इसे कर रखा है ‘बैन’   

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एन पी न्यूज 24- केंद्र और राज्य सरकारें बड़ी सावधानी से कोरोन के प्रसार की रोकथाम में लगी हुई थी, इसलिए अन्य देशों की अपेक्षा भारत में संक्रमण धीमी गति से बढ़ रहा था. लेकिन दिल्ली में एकत्रित सैंकड़ों तबलीगी जमात से जुड़े लोगों में से कईयों के कोरोना पॉजीटीव पाए जाने के बाद से देश में संक्रमितों की संख्या में अचानक उछाल आया है. क्योंकि यहां पर देश के कई राज्यों के सदस्य भी शामिल हुए थे, जिनमें से कइयों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और इनसे संक्रमण कई राज्यों में पहुंच चुका है. आपको जानकर हैरानी होगी जिस तबलीगी जमात ने भारत के कई मासूमों को मौत के मुंह में धकेलने का पाप किया है. वही जमात आज कई मुस्लिम देशों में प्रतिबंधित है.

बताते चले कि सऊदी अरब जहां से इस्लाम की उत्पत्ति मानी जाती है, वहीं पर तबलीगी जमात पूरी तरह से बैन है. यही नहीं अन्य मुस्लिम राष्ट्र ईरान में भी तबलीगी जमात प्रतिबंधित है.

सऊदी अरब में बैन की वजह  

 बता दें कि सऊदी अरब में सलफी मसलक (संप्रदाय) के मानने वाले लोग अधिक हैं, जबकि तबलीगी जमात के लोग हनफी मसलक के हैं. इसलिए यहां इस्लाम के अंदर धार्मिक और वैचारिक मतभेद है.

वहीं दूसरा कारण यह है कि सऊदी अरब में मस्जिदों का अधिकार सरकार के पास है. वहां पर मस्जिदों में भी किसी के रुकने की मंजूरी नहीं है, जबकि तबलीगी जमात के प्रचारक मस्जिदों में रुकते हैं. इसलिए भी यह सउदी में बैन है.

ईरान क्यों पसंद नहीं करता तबलीगी जमात

वहीं ईरान की बात करें तो वहां शिया संप्रदाय बड़ी तादात में हैं, जबकि तबलीगी जमात और शिया संप्रदाय के बीच काफी धार्मिक और वैचारिक मतभेद हैं. दोनों समुदाय एक-दूसरे के काम को अनुचित ठहराते हैं. इसलिए भी ईरान में तबलीगी जमात के लिए कोई जगह नहीं है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तबलीगी जमात का कार्य इस्लाम का प्रचार-प्रसार करना है. दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित तबलीगी जमात के मरकज से दुनिया के 150 देशों से अधिक जमातें इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए जाती हैं. यहीं नहीं अन्य देशों से भी इसके सदस्य भारत आते हैं और अब यही लोग देश में संक्रमण के तेजी से प्रसार का एक कारण बन गए हैं.

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