नई दिल्ली .एन पी न्यूज 24 – पाकिस्तान की एक अदालत ने 2002 के अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या मामले के मुख्य आरोपी की मौत की सजा बृहस्पतिवार को सात साल कैद में बदल दी है। इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रिटेन में जन्मे अहमद उमर शेख को आतंकवाद निरोधी अदालत ने जो सजा सुनाई थी, उसे सिंध उच्च न्यायालय ने पलट दिया। अन्य तीन दोषियों, फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल- जिन्हें पहले उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी अदालत ने बरी कर दिए हैं। अदालत के अनुसार चूंकि शेख पिछले 18 वर्षों से जेल में है, इसलिए उसकी सात साल की सजा की तब से जोड़ी जाएगी।
आतंकियों पर मेहरबान पाक : न्यायमूर्ति मोहम्मद करीम खान आगा की अध्यक्षता वाली दो-न्यायाधीशों वाली एसएचसी पीठ ने पिछले महीने दोषियों की अपील पर फैसला सुनाया था, जो पिछले 18 वर्षों से लंबित है, और राज्य की एक अपील पर सुनवाई सुनने और रिकॉर्ड की जांच करने के बाद सजा बढ़ाने की मांग की गई थी। सिंध कोर्ट के फैसले ने साफ कर दिया है कि पड़ोसी देश में आतंकवादी संगठनों व कुख्यात आतंकियों को सजा दिलाने को लेकर गंभीरता से नहीं लिया जाता। कुछ महीने पहले ही भारत में कई आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाले हाफिज सईद को भी रिहा किया गया है। जबकि हाफिज सईद के सहयोगी व मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता जकी उर रहमान लखवी पहले ही रिहा हो चुका है। अब देखना है कि पाकिस्तान सरकार सिंध हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायाल में अपील करती है या नहीं।
भारत से कनेक्शन : उमर शेख को दुनिया में भले ही डेनियल पर्ल के हत्यारे के तौर पर जाना जाता है लेकिन इसका भारतीय कनेक्शन इससे भी पुराना है। वर्ष 1999 के अंत में आतंकवादियों ने भारत के सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी इंडियन एयरलाइंस आईसी 814 को अपह्रत कर लिया था। जहाज में अपने नागरिकों को छुड़ाने के लिए तत्कालीन एनडीए सरकार ने तीन कुख्यात आतंकियों को छोड़ा था, जिसमें मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर के साथ ओसामा शेख को छोड़ा गया था। तब ओसामा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित जेल में भारत में चार विदेशी नागरिकों के अपहरण करने के जुर्म में सजा काट रहा था। वास्तव में ओसामा शेख व मसूद अजहर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की तरफ से भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने की योजना के साथ भेजे गये थे। विदेशी नागिरकों का अपहरण इनकी योजना का हिस्सा था ताकि कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाया जा सके। बाद में सीआइए की तरफ से गिरफ्तार आतंकी डेविड कोलमैन हेडली ने भारतीय एजेंसियों के समक्ष ओसामा शेख के बारे में कई चीजों का खुलासा किया कि किस तरह से वह पाकिस्तान सेना व खुफिया एजेंसी के बड़े अधिकारियों से लेकर अल-कायदा के बड़े लोगों व उनके भारतीय एजेंटों के बीच एक पुल के तौर पर काम करता रहा है। बता दें कि अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के आतंकी हमले के लिए धन जुटाने में उमर शेख की अहम भूमिका थी।