कोरोना संक्रमितों के खून ने ही किया इस वायरस का खात्मा, चीन में प्रयोग सफल  

0

नई दिल्ली.एन पी न्यूज 24 – कहते हैं लोहा लोहे को काटता है। इसी तर्ज पर अब चिकित्सकों ने कोरोना वायरस के संक्रमण का तोड़ निकाला है। कोरोना वायरस से संक्रमित पांच गंभीर मरीजों का इलाज खून से किया गया है। यह खून उन मरीजों का था, जो पहले कोरोना वायरस से संक्रमित थे। इलाज के इस तरीके को चीन के अस्पताल में अपनाया गया। तीन मरीजों को अस्पताल से वापस भेज दिया गया है।

दो अब भी अस्पताल में है, लेकिन पहले से बहुत ज्यादा बेहतर हालत में। अभी तक इस मामले में देखा गया कि अस्पतालों में जो मरीज़ भर्ती हो रहे हैं उन्हें लक्षणों के आधार पर ही दवाएं दी जा रही हैं और उनका इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने की कोशिश करता है। अस्पताल में भर्ती मरीज़ों को आइसोलेट करके रखा जाता है, ताकि उनके ज़रिए किसी और तक ये वायरस न पहुंचे। गंभीर मामलों में वायरस की वजह से निमोनिया बढ़ सकता है और फेफड़ों में जलन जैसी समस्या भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में मरीज़ को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। बेहद गंभीर स्थिति वाले मरीज़ों को ऑक्सीजन मास्क लगाए जाते हैं और हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखने की ज़रूरत होगी, लेकिन चीन के इस प्रयोग की सफलता दुनिया के लिए आशा की एक नई किरण है।

चीन के द शेनझेन थर्ड पीपुल्स हॉस्पिटल ने अपने इलाज के इस तरीके की रिपोर्ट 27 मार्च को प्रकाशित की थी। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि जिन पांच मरीजों का इलाज पुराने कोरोना मरीजों के खून से किया गया था, वो 36 से 73 साल के बीच थे। वैज्ञानिक पुराने मरीजों के खून से नए मरीजों का इलाज करने की तकनीक को कोवैलेसेंट प्लाज्मा कहते हैं। इससे कई बीमारियों को ठीक किया जा चुका है। इससे नए मरीजों के खून में पुराने ठीक हो चुके मरीज का खून डालकर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जाती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.