कोरोना की खौफ के बीच सरकार ने लगाई बचत में सेंध, विभिन्न योजनाओं की ब्याज दरें घटी

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नई दिल्ली – एन पी न्यूज 24 – कोरोना संक्रमण के बीच देश में भारी उथल-पुथल है। आयोजन रद्द, सुविधाओं में कटौती कार्यालयों में बंदी और भी अनेक एहतियाती कदम। अर्थात, लॉकडाउन के बीच सरकार ने जनता को जोर का झटका दिया है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए इन योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर घटा दी गई है। इसमें 0.70 फीसदी से लेकर 1.4 फीसदी तक की कटौती की गई है। यानी अब राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), सुकन्या समृद्धि खाता, किसान विकास पत्र (केवीपी) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) जैसी योजनाओं के तहत निवेशकों को कम लाभ मिलेगा। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में पीपीएफ, केवीपी जैसी विभिन्न स्मॉल सेविंग स्कीम के ब्याज दर में 0.70 फीसद से 1.40 फीसद तक की कटौती की गई है।

कटौती इस प्रकार हैं-
-पीपीएफ पर ब्याज दर में 0.80 फीसद की भारी कमी की गई है। इसका मतलब है कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान पीपीएफ पर 7.1 फीसद का ब्याज मिलेगा।
-किसान विकास पत्र पर ब्याज दर को 0.70 फीसद घटाकर 6.9 फीसद कर दिया गया है।
– एनएससी ब्याज दर में 1.10 फीसद की जबर्दस्त कटौती की गई है। अब इस स्कीम में निवेश पर निवेशकों को 6.8 फीसद की दर से ब्याज मिलेगा।
-पांच साल के रेकरिंग डिपोजिट  पर ब्याज दर में 1.40 फीसद की सबसे ज्यादा कमी की गई है। अब इस अवधि के  रेकरिंग डिपोजिट पर 5.8 फीसद की दर से ब्याज मिलेगा।
-वहीं, पांच साल के टाइम डिपोजिट पर 6.7 फीसद का ब्याज मिलेगा। इस स्कीम में ब्याज दर में एक फीसद की कटौती की गई है।
-सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम्स (SCSS) पर ब्याज दर में 1.2 फीसद की कटौती की गई है। अब इस योजना में निवेश करने वालों को एक अप्रैल, 2020 से 30 जून, 2020 की अवधि में 8.6 फीसद की बजाय 7.4 फीसद की दर से ब्याज मिलेगा।
-सुकन्या समृद्धि योजना में भी ब्याज दर में 0.80 फीसद की कटौती की गई है। इस स्कीम के तहत अब 8.4 फीसद की बजाय महज 7.6 फीसद की दर से ब्याज मिलेगा।
-मंथली इनकम अकाउंट  पर 7.6 फीसद की बजाय 6.6 फीसद की दर से ब्याज मिलेगा।

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