नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – दिल्ली के निजामुद्दीन में 13 से 15 मार्च के बीच हुई तब्लीगी जमात की धार्मिक सभा अब सुर्खियां बन गयी है। इस सभा में शामिल हुए 6 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से सोमवार को तेलंगाना में मौत हो गई। जिसके बाद से हर तरफ खलबली मच गयी है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, तबलीगी जमात के नाम पर किसी विदेशी को वीजा नहीं दिया जाता है। तबलीगी जमात में शामिल लोग भारत आने के दौरान वीजा में इन जानकारियों को छुपाते हैं।
वीजा में ज्यादातर मामलों में ये बताया जाता है कि वो भारत घूमने जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि निजामुद्दीन से लेकर पूरे देश मे तबलीगी जमात के लोग मौजूद हैं जिनमें इंडोनेशिया से लेकर कई विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
क्या तबलीगी जमात के लोगों ने ही पूरे मलेशिया में फैला दिए कोरोना वायरस –
बताया जा रहा है कि फरवरी महीने में मलेशिया में हुए तबलीगी जमात से पूरे मलेशिया में कोरोना वायरस फैला। भारत में मौजूद कई तबलीगी जमात के लोग मलेशिया से वापस लौटे हैं जिनसे कोरोना फैलने का खतरा बढ़ गया है। इस पूरे मामले ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सरकार कोरोना को हराने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। लेकिन निजामुद्दीन कोरोना केस के बाद अब सरकार भी चिंता में पड़ गयी है। जानकारी आ रही है कि पूरे हालात की समीक्षा करने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक बुलाई गई है।
इस सभा में 1400 लोग मौजूद थे –
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में कुछ दिनों पहले पाबंदियों के बावजूद एक बड़ा धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था। इस कार्यक्रम में करीब 1400 लोग शामिल थे। सोमवार रात को इनमें से 34 लोगों की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इनमें से एक बुजुर्ग की मौत हो गई। अब निजामुद्दीन इलाके में जमा हुए सभी 1400 लोगों को कोरोना जांच के लिए अस्पताल भेजा रहा है।
इस्लामिक संगठन तबलीगी जमात पर FIR दर्ज –
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस्लामिक संगठन तबलीगी जमात पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। इन पर लॉकडाउन के दौरान कार्यक्रम कर बड़ी संख्या में लोगों को जमा करने का आरोप है। बता दें कि ये कार्यक्रम सुन्नी इस्लाम से संबंधित संस्था तबलीगी जमात का था जो सालभर चलता है। जिसमें 1400 लोग निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के सेंटर पर आए थे। इनमें 100 विदेशियों के अलावा, देश के अलग अलग राज्यों से आए लोग भी शामिल थे। अब इसकी जांच विश्व स्वास्थ्य संगठन, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली पुलिस मिलकर कर रही है। बता दें कि घटना के बाद अब तक 300 लोगों को यहां से निकाल कर अलग-अलग जगहों पर रखा गया है।
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