एम्बुलेंस चालक के पिता की मौत की जांच क्राइम ब्रांच के सुपुर्द

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पिंपरी।एन पी न्यूज 24 – मरीज और उसके परिजनों को छोड़ने जा रही एम्बुलेंस को रोककर चालक के पिता के साथ मारपीट के बाद पिता की हालत बिगड़ गई औऱ उनकी मौत हो गई। 27 मार्च को पुणे- मुंबई एक्सप्रेस वे पर उर्से टोलनाका पर घटी इस घटना को पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है। इसके अलावा इस मामले की जांच को पिंपरी चिंचवड़ पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है। इस घटना में पुलिस के साथ साथ अस्पतालों का अमानवीय चेहरा भी सामने आया है, जहां डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया।
इस घटना में मरने वाले का नाम नरेश शिंदे (49, निवासी ठाणे) है। उनके पुत्र नीलेश शिंदे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए पूरा वाकया बयान किया है, जो काफी वायरल हो गया है। नीलेश की एम्बुलेंस है जो ठाणे सिविल अस्पताल में कार्यरत है। गत रात वे एक मरीज और उसके परिजनों को लेकर अहमदनगर जिले के श्रीगोंदा जा रहे थे। सफर लंबा रहने से नीलेश ने अपने पिता को भी साथ में लिया। शुरू में उनके पिता ने एंबुलेंस चलाई उसके बाद वे सो गए और नीलेश ड्राइव करने लगा। घटना वाले दिन दोपहर एक बजे के करीब उनकी एंबुलेंस उर्से टोलनाका पर पहुंची। यहां पुलिस ने उसे रोका और पैसेंजर ले जा रहे हो कहकर सभी को नीचे उतारा।
शिंदे पिता- पुत्र पुलिसवालों को समझाते रहे कि उनकी एंबुलेंस में पैसेंजर नहीं बल्कि मरीज और उसके परिजन है, जिन्हें वे श्रीगोंदा छोड़ने जा रहे हैं। उनकी एंबुलेंस कार्डियक एंबुलेंस नहीं रहने से उसमें डॉक्टर नहीं है। मगर पुलिसवाले उनकी बात सुनने को तैयार न थे। इस बीच एक पुलिस वाले ने नीलेश के पिता को लाठी से मारा। दोनों पिता- पुत्र काफी मिन्नतें करते रहे लेकिन पुलिस वाले उनकी एंबुलेंस में पैसेंजर ले जाने की बात कहकर मामला दर्ज करने की धमकी देते रहे। इसके बाद उन्हें एक अधिकारी के पास ले जाया गया जहाँ उन्हें पांच हजार रुपए की मांग की गई। उनके पास उतने पैसे न थे, तब एंबुलेंस में सवार मरीज और उसके परिजनों ने तीन हजार रुपए दिए और मामला जैसे तैसे सुलझाया।
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