बन गया ‘कोरोना वायरस’ को फैलने से रोकने वाली मशीन, भारतीय वैज्ञानिक का बड़ा दावा

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बेंगलुरु  :एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ। सब इससे बचने से लिए कुछ न कुछ उपाय ढूंढ़ने में लगे है। हालांकि अभी ऐसे कोई दवाई भी नहीं बन पायी है जिससे कोरोना पीड़ित आसानी से ठीक हो सके। इस बीच बेंगलुरु वैज्ञानिक ने बड़ा दावा किया है। उनके मुताबिक, कोरोना को फैलने से रोकने की मशीन बना ली गयी है। कर्नाटक स्थित बेंगलुरु में एक मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च यूनिट ने दावा किया है कि उसने एक गैजेट का प्रोटो टाइप तैयार किया है जो वायरस के प्रसार को न्यूट्रलाइज कर सकता है।

इसे टेस्ट के लिए भेजा गया अमेरिका –
यह प्रोटोटाइप इस हफ्ते अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में टेस्ट करने के लिए भेजा गया है। संस्थान के चेयरमैन डॉक्टर राजह विजय कुमार ने कहा कि जो गैजेट तैयार किया जा रहा है जो घर, ऑडिटोरियम, ऑफिस, स्कूल, कार… हर जगह रखा जा सकता है।

यह गैजेट आपको प्रभावित नहीं होने देगा –
बताया जा रहा है कि यह गैजेट पहले से संक्रमित लोगों का इलाज नहीं कर पाएगा लेकिन यह दावा किया कि वायरस आगे प्रसार नहीं कर पाएगा। जानकारी के मुताबिक, अगर आप एक कमरे में किसी कोरोना संक्रमित शख्स के साथ है तो यह गैजेट कम से कम आपको प्रभावित नहीं होने देगा। डिवाइस के बारे में कुमार ने दावा किया कि यह एक न्यूट्रलाइजर की तरह काम करता है। ऐसे में कोई भी जो वायरस के संपर्क में आएगा, उदाहरण के लिए टेबल-कुर्सी जिस पर वायरस है वह उससे प्रभावित नहीं होगा।

इस तरह करता है काम –
इसके पीछे का विज्ञान समझाते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायर एक स्पाइर बॉल की तरह है जिसमें कई स्पाइक्स हैं जिसे S-Protein कहा जाता है। ये प्रोटीन्स के पास पॉजिटिव सेल्स होते हैं और इन्हें निगेटिव की जरूरत होती है, जब आपका शरीर वायरस के संपर्क में आता है तो आपके शरीर में जाता है और क्योंकि सेल्स में निगेटिव पोटेंशियल होता है इशलिए वह उनमें तिपक जाते हैं और इसका डीएनए छोड़ने लगते हैं और रेप्लकैट करने लगते हैं और इस तरह से यह वायरस काम करने लगता है।

उनके मुताबिक, यह गैजेट जो हमने विकसित किया है यह बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनों को रिलीज़ करता है। ये वायरस आपके शरीर या अन्य के इलेक्ट्रॉनों के बीच अंतर नहीं जानते हैं। एक बार जब इलेक्ट्रॉनों को छोड़ दिया जाता है, तो वायरस सेल्स बेअसर हो जाती हैं। कोई भी संक्रमित व्यक्ति आता है। अगर वह कुछ छूता है, तो ये इलेक्ट्रॉन सभी वायरल इलेक्ट्रॉनों को बेअसर कर देंगे।

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