नई दिल्ली, 27 मार्च –एन पी न्यूज 24 – कोरोना के बड़े खतरे के बीच दुनिया की एक बड़ी यूनिवर्सिटी ने रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे भारत के सिर पर खतरे की घंटी बज रही है। यह वायरस अगले चार महीने तक भारत को बहुत ज्यादा परेशान करने वाला है। रिपोर्ट में कोरोना को मात देने के उपाय भी बताये गए है।
यह रिपोर्ट जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी और द सेंटर फॉर डिजीज डाइनामिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी ने तैयार की है। इसमें भारत का अध्ययन करने के लिए सभी आंकड़े भारत की आधिकारिक वेबसाइटों का उपयोग किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वायरस की डरावनी लहार जुलाई अंत या अगस्त के मध्य में खत्म होगी। इसमें पांच राज्यों के ग्राफ भी बनाकर दिखाए गए है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में अप्रैल मध्य से लेकर मई मध्य तक कोरोना से संक्रमित होकर हॉस्पिटल में भर्ती होंगे। जुलाई मध्य तक यह संख्या कम होती जाएगी। अगस्त तक इसके खत्म होने की उम्मीद है। ग्राफ में कहा गया है कि 25 लाख लोग तक इसका शिकार होकर हॉस्पिटल पहुचेंगे .
रिपोर्ट में कहा गया है बुजुर्गो की आबादी को सोशल डिस्टेंस का ज्यादा ध्यान रखना होगा। जितना ज्यादा लॉक डाउन होगा उतने ज्यादा लोग बचेंगे। सोशल डिस्टेंस के अलावा फ़िलहाल इस वायरस से बचने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के सभी हॉस्पिटल्स को अगले तीन महीने तक ज्यादा काम करने होंगे। यहां भी अस्थाई हॉस्पिटल बनाने होंगे। यहां सही तरीके से जांच होगी तो बुजुर्गो को बचाया जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तापमान और उमस बढ़ने से वायरस के संक्रमण पर असर पड़ेगा लेकिन वह प्रयाप्त नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे को इस वायरस से बचाना बेहद जरुरी है। इसके लिए पहले ही जांच कराई जानी चाहिए।
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