नई दिल्ली, 27 मार्च –एन पी न्यूज 24 – कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच केंद्र ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए है कि 18 जनवरी से 23 मार्च के बीच विदेशों से आये 15 इंटरनेशनल यात्रियों पर नज़र रखी जाए. सभी राज्य के सचिवों से कहा गया है कि ऐसा लगता है कि कोरोना वायरस को लेकर हो रही निगरानी और विदेशों से आये कुल यात्रियों में एक बड़ा अंतर है। अब तक देश में जितने कोरोना वायरस का मरीज सामने आये है उनमे से अधिकतर का विदेश भ्रमण का इतिहास रहा है। इन यात्रियों की निगरानी का अंतराल इस मुहीम के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
इस बीमारी को लेकर लोगों में तेज़ी से जागरूकता आई है। श्रीनगर में विदेश यात्रा छिपाने वाले 400 शिकायतें कंट्रोल रूम से की गई है। इनमे से 200 शिकायतें पाई गई है और विदेश से लौटे 150 लोगों को क्वारंटाइन पर भेजा गया है। वादी में कोरोना के 8 मामलो की पुष्टि हुई है। श्रीनगर के 90 क्वारंटाइन केन्द्रो में रखे गए 1750 लोग विदेश यात्रा से लौटे है।
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एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि कुछ लोग जो विदेश यात्रा से लौटे थे अपना संक्रमण छिपाने के लिए थर्मो जांच से पहले पैरासिटामोल की दवाये ले रहे थे। डॉक्टर्स का कहना है कि इस दवा से 4 से 6 घंटे तक ही बुखार को छिपाया जा सकता है।
महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज इंदौर के डॉ. सलिल भार्गव ने कहा कि ऐसा करना पुरे समाज के साथ धोखा है। कोरोना को लेकर बरती जा रही सख्ती से ही समझा जा सकता है कि हालत कितनी नाजुक है। इसके बावजूद कोई संक्रमण छिपा रहा है तो गलत है।