संचार बंदी के दौरान लोगों की मदद में जुटे कश्मीरी छात्र

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पुणे। एन पी न्यूज 24 – कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पुणे में संचार बंदी लागू करने के आदेश दिए हैं। ऐसे हालात में शहर के कुछ कश्मीरी छात्र, जो यह मानते हैं कि अब उस शहर के लिए कुछ करने का वक्त आ गया है जिसने उन्हें काफी कुछ दिया, लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं। पहले इन छात्रों ने शहर में तालाबंदी से अनजान लोगों को कोरोनो वायरस के प्रकोप के बारे में जागरूक किया। अब यही छात्र यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोग लॉकडाउन के चलते भूखे न सोएं। इन छात्रों का एक समूह शहर में हर रोज लगभग छह हजार फूड्स पैकेट बांट रहे हैं।
पुणे स्थित सहकारनगर की एक रसोई में 150 किलो चावल पकाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ 15 लोगों की एक टीम खाने के पैकेट बनाकर रखने में जुटी है। रेस्टोरेंट चलाने वाले अकीब भट ने इसके लिए एक टीम गठित की है। यह टीम सारसबाग, तिलक रोड, और अन्य पेठ इलाकों, फर्ग्यूसन कॉलेज रोड, कोथरुड और सिंहगढ़ रोड सहित शहर के 12 केंद्रों में भोजन का वितरण कर रही है। भट ने बताया कि उनका मानना है कि अब वह समय आ गया है जब वह इस शहर के लिए कुछ करें जहां उन्होंने अपने बीते 15 साल बिताए हैं।
उन्होंने बताया कि जैसे ही लॉकडाउन शुरू हुआ उन्होंने देखा कि जो मेडिकल स्टोर खुले हैं वहां से कुछ छात्र आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक खरीद रहे हैं। छात्रों ने बताया कि वे आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक से ही पेट भर रहे हैं क्योंकि अधिकांश रेस्टोरेंट और मेस बंद हैं। इसके बाद भट ने ऐसे लोगों की मदद करने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि वे सबसे ज्यादा ख्याल छात्रों का रख रहे हैं। शुरुआत में उन्होंने खाना बांटने के लिए अपने साथ दस कश्मीरी लोगों को जोड़ा, बाद में डिमांड बढ़ने पर और लोगों को साथ में जोड़ा। उनके साथ वंदे मातरम और सरहद जैसे गैर-लाभकारी संगठन शामिल हुए और जल्द ही वॉलंटिअर्स की संख्या 80 तक हो गई।
इस टीम में शामिल छात्र मोहम्मद सलीम ने बताया कि कश्मीर में कर्फ्यू और लॉकडाउन आम बात है। लोग अपने घरों में हमेशा जरूरत के सामान का स्टॉक रखते हैं, लेकिन यहां का अनुभव लोगों के लिए और उनके लिए नया था। ज्यादातर लोग लॉकडाउन के लिए तैयार नहीं हैं, हमें लगा कि हम मदद कर सकते हैं। यह टीम इस संकट में काम कर रहे लोग और छात्रों की मदद कर रहे हैं। कोरोना के चलते लोगों की मदद करने के साथ ही ये लोग अपना भी ख्याल रख रहे हैं। खाना बांटने के दौरान टीम के लोग मास्क, दस्ताने और सैनेटाइजर का प्रयोग करते हैं। चार दिनों से ये लोग खाने के पैकेट्स बांट रहे हैं। एक दिन में लगभग छह हजार पैकेट्स बांटे जा रहे हैं।
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