नई दिल्ली – एन पी न्यूज 24 – आगामी 1 अप्रल से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 10 से 20 रुपए तक का और इजाफा हो सकता है। दरअसल, इस समय कोरोनावायरस के कारण मांग में कमी और सऊदी अरब की ओर से शुरू किए गए प्राइस वॉर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें काफी निचले स्तर पर आ गई हैं। सरकार इसको अपना वित्तीय घाटा कम करने के मौके के रूप में देख रही है।
संशोधित फाइनेंस बिल : संशोधित फाइनेंस बिल-2020 को सोमवार को लोकसभा से बिना किसी चर्चा के पास कर दिया गया। सरकार ने इस बिल में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी की अधिकतम सीमा में बढ़ोतरी कर दी है। पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी में प्रति लीटर 8 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अब पेट्रोल पर यह ड्यूटी बढ़कर 10 से 18 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 4 से 12 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी। यह फाइनेंस बिल वित्त वर्ष 2020-21 के लिए है और 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी होगा। लिहाजा, सरकार आने वाले दिनों में कभी भी पेट्रोल, डीजल पर 8 रुपये के दायरे में उत्पाद शुल्क में वृद्धि कर सकती है।
प्रीमियम चार्ज लाने पर विचार : इसके अलावा अप्रैल 2020 से देशभर में नए उत्सर्जन मानक लागू होने हैं। देश में कई जगहों पर अब BS6 फ्यूल भी मिलने लगा है। रिफाइनरियों को बीएस 6 फ्यूल में अपग्रेड करने में तेल कंपनियों को काफी निवेश करना होगा। इस निवेश की भरपाई के लिए प्रीमियम चार्ज लाने पर विचार हो रहा है।
जानें, क्या है स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी : स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी कुछ खास तरह की वस्तुओं पर लगाई जाती है। जिन भी स्पेशल वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जानी है, उनका उल्लेख पहले से ही फाइनेंस बिल में किया जाता है। अब सरकार ने एक बार फिर फाइनेंस बिल के जरिए स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी वसूले जाने की अधिकतम सीमा में बढ़ोतरी की है।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अस्तित्व में : फाइनेंस बिल लोकसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए जाएगी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 1 अप्रैल 2020 से यह अस्तित्व में आ जाएगा। ऐसे में जानकारों का मानना है कि सरकार 1 अप्रैल के बाद कभी भी एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी कर सकती है। वित्तीय घाटा कम करने का बेहतरीन मौका है। इसके अलावा सरकार एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी करके विशेष फंड भी तैयार कर सकती है जिसका इस्तेमाल आपात स्थिति में किया जा सकता है।
14 मार्च को हुई थी वृद्धि : सरकार ने इससे पहले 14 मार्च को दोनों ईंधनों पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपये प्रति लीटर वृद्धि की घोषणा की थी। इस वृद्धि से सालाना आधार पर सरकार को 39,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो सकता है। इस शुल्क वृद्धि में 2 रुपये विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क मद में 2 रुपये और सड़क और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस की मद में 1 रुपये प्रति लीटर शुल्क बढ़ाया गया। कुल मिलाकर 3 रुपये प्रति लीटर तक शुल्क बढ़ाया गया।
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