हेल्थ इंश्योरेंस : ‘कोरोना वायरस’ के इस संकट में उठाएं ‘ये’ 3 ‘फाइनेंशियल कदम’

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नई दिल्ली :एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस की वजह से हर कोई परेशान है। इसका असर अब हर एक क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। चाहे हो सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सभी इससे प्रभावित हो रहे है। कई लोगों के नौकरी पर खरता मंडरा रहा है। ऐसे में उपभोक्ता खर्च पर काफी बुरा असर पड़ेगा। हालांकि जीवन के उतार-चढ़ाव से निपटने और भविष्य में फाइनेंशियल परेशानियों से बचने के लिए कुछ असरदार उपाय कर सकते हैं। ऐसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करना चाहिए जो संकट की घड़ी में आपके साथ रहे। किसी भी संकट से उबरने के लिए नीचे इन तीन जरूरी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स बहुत जरुरी है।

हेल्थ इंश्योरेंस – संकट की घड़ी में सबसे महत्व रखता है। यह आपको मेडिकल इमरजेंसी के दौरान फाइनेंशियल दबाव से बचने में मदद करता है। हेल्थकेयर के बढ़ते खर्च और लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों में होने वाली बढ़ोत्तरी के कारण एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना और उसे चालू रखना जरूरी हो गया है। आम तौर पर, वेतनभोगी लोगों को उनकी कंपनी के ग्रुप इंश्योरेंस प्लान के माध्यम से कवर किया जाता है। लेकिन यह काफी नहीं भी हो सकता है, खास तौर पर गंभीर बीमारियों को कवर करने के मामले में। इसलिए, पर्याप्त कवरेज वाले कम्प्रीहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में इन्वेस्ट करना जरूरी है। हालांकि यदि आपने पहले से ही एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान ले रखा है तो आप टॉप-अप और ऐड-ऑन की मदद से अपने कवरेज को बढ़ा सकते हैं जिससे आपको कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के महंगे इलाज का खर्च उठाने में मदद मिलेगी। जरुरु बात एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेते समय, आपको सबसे कम प्रीमियम के आधार पर प्लान का चुनाव नहीं करना चाहिए। आपको ज्यादा से ज्यादा कवरेज दे सकने वाला प्लान चुनना चाहिए।

टर्म इंश्योरेंस – एक टर्म इंश्योरेंस प्लान आपकी मौत के बाद आपके आश्रितों को इंश्योरेंस अमाउंट देकर आपके इनकम की भरपाई करने में मदद करेगा। लाभार्थी इस अमाउंट का इस्तेमाल किसी भी फाइनेंशियल कमिटमेंट या जरूरत को पूरा करने के लिए कर सकता है। इसलिए, एक टर्म इंश्योरेंस कवर लेते समय, अपने मौजूदा एनुअल इनकम का कम से कम 10 गुना इंश्योरेंस अमाउंट वाला इंश्योरेंस खरीदें। आप ऐड-ऑन और राइडर्स की मदद से अपने टर्म इंश्योरेंस कवरेज को बढ़ा भी सकते हैं।

इमरजेंसी फंड – एक इमरजेंसी फंड का महत्व, किसी भी संकट के दौरान बेमिसाल होता है। यह नौकरी छूटने या मेडिकल इमरजेंसी जैसी घटनाओं से निपटने में काफी मददगार साबित होता है। आपके इमरजेंसी फंड में कम से कम इतने पैसे तो जरूर होने चाहिए जिससे कम से कम तीन से छः महीने का खर्च चल सके। इसलिए एक इमरजेंसी फंड तैयार करते समय, किराया, ईएमआई, यूटिलिटी बिल, इंश्योरेंस पेमेंट, बच्चों की पढ़ाई का खर्च, परिवार के हेल्थकेयर का खर्च, इत्यादि जैसे रेगुलर खर्च को ध्यान में रखें। इस पैसे को एक सेविंग्स अकाउंट, फिक्स्ड डिपोजिट, रेकरिंग डिपोजिट या लिक्विड म्यूच्यूअल फंड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करके यह इमरजेंसी फंड तैयार करना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर जल्दी से पैसा निकाला जा सके।

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