नई दिल्ली –एन पी न्यूज 24 – फ्रांस ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस की नई दवा खोज ली है। शुरुआती परीक्षण में पता चला है कि इस दवा से 6 दिन के भीतर संक्रमण को गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोका जा सकता है। फ्रांस के इंस्टीट्यूट हॉस्पिटलो यूनिवर्सिटी के संक्रमण बीमारियों के विशेषज्ञ रिसर्च प्रोफेसर डिडायर राओ ने दावा किया है कि उन्होंने नई दवा का सफल परीक्षण कर लिया है। सामान्य तौर पर मलेरिया के बचाव और इलाज में इस्तेमाल किया जाने वाला क्लोरोक्विन की उन्होंने संक्रमित को डोज दी। इसके बाद हालत में बहुत तेजी से प्रभावी सुधार हुआ। उन्होंने दवा के ट्रायल्स का एक वीडियो भी शेयर किया है। उन्हें फ्रांस की सरकार ने COVID-19 के संभावित इलाज (Treatment) पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी है। रिसर्च में पता चला है कि क्लोरोक्विन कोरोना वायरस के बचाव में भी अच्छा काम कर रही है। इस दवा का वायरस पर लैब में भी परीक्षण सफल रहा है। बता दें कि क्लोरोक्विन बहुत ही सस्ती दवा है, जो आसानी से उपलब्ध हो जाती है। मलेरिया के खिलाफ इस दवा का 1945 से इस्तेमाल किया जा रहा है.
रोजाना 600 mcg क्लोरोक्विन 10 दिन तक दी गई
प्रोफेसर राओ ने इसके बाद 24 संक्रमित लोगों को हर दिन 600 mcg क्लोरोक्विन 10 दिन तक दी। प्रोफेसर राओ ने बताया कि ये संक्रमित मरीज नीस और एविग्नन टाउन से थे, जहां के लोगों को अब तक इलाज नहीं मिल पाया है। इस दौरान हमने पाया कि जिन मरीजों को क्लोरोक्विन नहीं दी गई उनकी स्थिति 6 दिन बाद भी गंभीर बनी रही। इसके उलट जिन मरीजों को क्लोरोक्विन दी गई, उनकी स्थिति में लगातार सुधार हो रहा था। वे 75 फीसदी स्वस्थ हो चुके थे. इस दवा का चीन भी अपने मरीजों पर परीक्षण कर चुका है। उन्होंने बताया कि इसके साथ एचआईवी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटी-वायरल दवा कैलेट्रा भी दी गई थी। अमेरिका के वैज्ञानिकों ने भी एक नई एकेडमिक स्टडी में माना है कि क्लोरोक्विन कोरोना वायरस संक्रमित के इलाज में कारगर दवा है।
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