पिंपरी/पुणे।एन पी न्यूज 24 – वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में ‘जनता कर्फ्यू’ का आवाहन किया था। पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहरों में सुबह से ही इसका असर नजर आ रहा है। दिनभर शहर की बाजारों, सड़कों और चौकों में सन्नाटा छाया रहा। दिन भर लोगों ने खुद को घरों में कैद रखा। शाम पांच बजते कोरोना से लड़नेवाले स्वास्थ्य कर्मी, डॉक्टरों, पुलिस, प्रशासन और मीडियाकर्मियों को थाली व बर्तन पीटकर, शंख, तालियां बजाकर सलामी दी गई। हालांकि शहर में कई जगहों पर इसे सलामी का इवेंट से बना दिया गया। लोग भीड़ में घरों से बाहर निकले और गो कोरोना के साथ भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे लगाते रहे। सलामी के ऐसे इवेंट से जनता कर्फ्यू के मूल उद्देश्य को ही भुला दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर आज पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहरों में जनता कर्फ्यू का भारी असर नजर आया। शहरभर अभूतपूर्व और ऐतिहासिक सन्नाटा छाया रहा। पुणे के हड़पसर, मगरपट्टा, मांजरी, बानेर, शिवाजीनगर, औंध, शनिवारवाड़ा पिंपरी चिंचवड़ के पिंपरी, चिंचवड़, भोसरी, निगड़ी, वाकड, हिंजवड़ी, थेरगांव, सांगवी समेत कई दर्जन इलाकों में सड़कें सूनी पड़ी रही। शहर के कई इलाकों में आवश्यक सेवाओं को छोड़ सभी प्रतिष्ठान बंद रहें।कई जगहों पर मेडिकल, किराना, दूध और अन्य सभी दुकानें भी बंद रही। पूरे शहर में चौराहों पर सिर्फ और सिर्फ पुलिसकर्मी तैनात रहे। व्यापारिक प्रतिष्ठान और प्राइवेट कंपनियों के दफ्तर बंद थे। पुलिस के साथ होमगार्ड की टीमें शहर के हर बड़े चौराहे और बाजार पर नजर रखे हुए थे। कुछ जगहों पर कर्फ्यू का असर देखने के लिए सड़कों पर आने की कोशिश की गई हालांकि पुलिस ने उपद्रवियों को समझाइश देने के साथ ही बल का प्रयोग भी किया।
पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहर में आईटी हब, एमआईडीसी सब बंद है। पुणे में लोगों ने सुबह से घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया था। कई सोसाइटी के गेट पर ताला लगा दिया गया है, ताकि कोई बाहर न जा सके। रेलवे स्टेशन पर भी आज न के बराबर भीड़ थी। यहां भी सिर्फ जरुरी सर्विस के लिए जाने वाले लोगों को ही एंट्री मिल रही है। हमेशा वाहनों से भरे रहनेवाला पुणे-मुंबई एक्सप्रेस वे और हाइवे भी खाली पड़ा रहा। सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन देखने को मिलते रहे। इंडस्ट्रियल हब कहलाने वाला पुणे के मगरपट्टा, पिंपरी चिंचवड़ के औद्योगिक इलाके में भी सभी सन्नाटा छाया रहा। आईटी और ऑटोमोबाइल कंपनियों सूनी रही। शाम पांच बजते ही प्रधानमंत्री की अपील के अनुसार लोगों ने घर से निकलकर घरों की बालकनी, छत, खिड़कियों की गैलरियों, सड़क पर खड़े होकर थाली और ताली बजाकर तो कुछ न शंखनाद कर कोरोना से लड़ रहे डॉक्टरों, नर्सो और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के उत्साह बढ़ाया। हालांकि कुछ जगहों पर इसे इवेंट सा बनाने की कोशिश की गई। लोग भीड़ में सड़कों पर उतर आए, गो कोरोना के साथ भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाकर एकदूसरे को तालियां देते रहे। कुछ जगहों पर साउंड सिस्टम लगाए तो कुछ जगहों पर पटाखों की आतिशबाजी कर जनता कर्फ्यू के मूल उद्देश्य को भूला दिया गया।
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